जानकारी के अनुसार शनिवार को टांडा के वार्ड क्रमांक-4 में पदस्थ आंगनवाड़ी कार्यकर्ता शमीम खान की हार्टअटैक से मौत होने का मामला सामने आया है। धरमपुरी बायपास जेल भवन के पीछे बनी कॉलोनी में मां आयशा बी के घर शमीम की मौत हुई। बहन मुमताज ने बताया कि मृतिका शमीम शुक्रवार को यहां आई थी, जो नौकरी को लेकर बहुत टेंशन में थी। उसे बार-बार किसी मैडम का फोन आ रहा था। इसके बाद वह रोती रही। रात में शमीम को अचानक घबराहट होने लगी। इस पर हम शमीम को सरकारी अस्पताल लेकर पहुंचे। लेकिन वहां डॉक्टर ने बताया की हार्टअटैक से शमीम की मौत हो चुकी है।
इस आंदोलन में शमीम की शहादत आंबा कार्यकर्ता की मौत की जानकारी लगते ही आंगनवाड़ी कार्यकर्ताएं व सहायिका संगठन की कार्यकर्ता बड़ी संख्या में शमीम के घर पहुंची। संगठन की जिलाध्यक्ष सोनू राजपुरोहित ने बताया कि महिला बाल विकास की सुपरवाइजर और परियोजना अधिकारियों के द्वारा हड़ताली आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं पर दबाव बनाया जा रहा है। इस कारण कार्यकर्ता और सहायिकाएं तनाव के दौर से गुजर रही है। बार-बार दबाव के कारण ही आंगनवाड़ी कार्यकर्ता शमीम खान की मौत हुई है। राजपुरोहित ने कहा कि शमीम की मौत इस आंदोलन में शहादत है। धार जिले में हमारे संगठन से करीब साढ़े चार हजार आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं संबंधित है, जिनकी संख्या जिले में 80 प्रतिशत है। सभी हड़ताली कार्यकर्ताओं पर विभाग के अधिकारी सुपरवाइजर के द्वारा दबाव बनाया जा रहा है। जिसके कारण सभी कार्यकर्ता दबाव के कारण मानसिक रूप से प्रताडि़त हो रही है। शमीम खान की शहादत को हम ऐसे ही नहीं जाने देंगे, अब हम इस आंदोलन को और तेज करेंगे। दबाव बनाने वाले विभाग के अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए और साथ ही शमीम खान के परिवार को मुआवजा देने की भी मांग की है।