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यह क्या…? किस वाहन में ले गए शव

locationधारPublished: Nov 13, 2018 08:12:47 pm

इंदौर से तो एंबुलेंस में लेकर धार आए, लेकिन यहां नहीं मिला वाहन

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यह क्या…? किस वाहन में ले गए शव

धार. इंदौर में कैंसर से एक महिला की मौत हो गई। उसका पति शव इंदौर से धार तक तो एंबुलेंस से ले गया, लेकिन धार जिला अस्पताल में एंबुलेंस नहीं होने के कारण शव को नगर पालिका के कचरा वाहन में ले जाना पड़ा।
मंगलवार को जिला अस्पताल में उमराव भील निवासी सीतापाट अपनी पत्नी लक्ष्मीबाई (35) का शव लेने आया। उमराव ने कहा कि मेरी पत्नी लक्ष्मीबाई कैंसर से पीडि़त थी। उसका सात दिन से इंदौर के एमवाय अस्पताल में इलाज चल रहा था। १२ नवंबर को उसकी मौत हो गई। मेरी पत्नी के मायके वालों ने शव नहीं लाने के लिए कहा था, उन्होंने धमकी दी थी कि शव यहां पर लेकर आए तो जान से मार दिया जाएगा। मैं इंदौर एमवाय अस्पताल से पत्नी का शव एंबुलेंस में धार लेकर आया, लेकिन मेरे ससुराल वालों डरा धमका दिया। इसके बाद धार थाने में अपनी व्यथा सुनाई। यहां पर पुलिस ने जिला अस्पताल ले जाने के लिए कहा। मैंने पुलिसकर्मी को कहा कि मेरे पास रुपए नहीं है और मैं शव का अंतिम संस्कार कैसे करूंगा। इस दौरान पुलिसकर्मी ने नगर पालिका से सहयोग करवाकर मेरी पत्नी के अंतिम संस्कार की व्यवस्था करवाई। सोमवार रात से जिला अस्पताल के पीएम रूम में शव रखा रहा और मंगलवार को दोपहर बारह बजे के करीब नगर पालिका के कचरा वाहन में शव को ले जाया गया।
कर्मचारियों को मास्क भी उपलब्ध नही
नगर पालिका ने अंतिम संस्कार की व्यवस्था तो कर दी, लेकिन शव को कचरा वाहन में लेकर गए। जब जिला अस्पताल में नगर पालिका का कचरा वाहन गया तो शव को उठाने वाले कर्मचारियों को किसी भी तरह का मास्क भी उपलब्ध नहीं करवाया गया। मास्क नहीं होने के चलते कर्मचारियों ने रूमाल मुंह पर बांधा। बताया जा रहा है कि यदि कैंसर से पीडि़त का शव को कर्मचारी ले जा रहे थे तो संक्रमण फैलने का डर था, लेकिन नपा के जिम्मेदार अधिकारियों ने मास्क देना भी उचित नहीं समझा। जिला अस्पताल में एक भी शव वाहन नहीं होने के चलते इस तरह की परेशानी अक्सर देखने को मिलती है।
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