यह बात सोमवार को बेंट टापू का दौरा करने आए कलेक्टर श्रीकांत बनोठ ने पत्रकारों से चर्चा में कही। सोमवार दोपहर को कलेक्टर श्रीकांत बनोठ, एसपी आदित्य प्रताप सिंह नर्मदा की छोटी धारा से नाव में सवार होकर प्रशासनिक अमले के साथ नर्मदा की बडी धारा स्थित बेंट टापू पहुंचे। बेंट स्थित श्रीबिल्वामृतेश्वर महादेव मन्दिर पहुंचकर कलेक्टर, एसपी व जिला पंचायत सीईओ ने भगवान श्रीबिल्वामृतेश्वर महादेव का दर्शन पूजन किया। इसके बाद बेंट के सम्बन्ध में अधिकारियों से चर्चा की।
घाट निर्माण की आवश्यकता से कराया अवगत श्रद्धालुओं के बेंट तक आवागमन के संबंध में जिला पंचायत सीईओ संतोष वर्मा ने कलेक्टर बनोठ के समक्ष बडी बोट की व्यवस्था का सुझाव रखा जिसमें लाइफ जैकेट आदि सुरक्षा साधनों की भी समुचित व्यवस्था हो। इस बात का समर्थन करते हुए प्रेस क्लब अध्यक्ष कैलाश दवाने ने बताया कि कुछ दिन पूर्व प्रेस क्लब ने भी संभागायुक्त को बडी बोट की मांग के सम्बन्ध में मांग पत्र सौंपा था। पार्षद प्रतिनिधि संजय सोनी ने कलेक्टर बनोठ को बताया कि धरमपुरी में नर्मदा किनारे स्थित सभी घाट जलमग्न हो गए हैं। अभी नगर से सटे नर्मदा किनारे स्थित शीतलामाता माता घाटए पेढी घाट पर करीब 35 से 40 फीट गहरा पानी है। जिस कारण श्रद्धालुओं के लिए खतरा बना रहता हैं। इसलिए घाट निर्माण की बहुत आवश्यकता है। जब तक घाट निर्माण नहीं होता तब तक श्रद्धालुओं के लिए खतरा बना रहेगा। घाटों पर रैलिंग लगाए जाने की आवश्यकता से भी अवगत कराया। जिला पंचायत सीईओ संतोष वर्मा ने कलेक्टर बनोठ को बताया कि यहां बडी संख्या में श्रद्धालु नर्मदा में स्नान के लिए आते हैं। बिना पानी की गहराई का पता लगाए श्रद्धालुओं को नदी किनारे जहां भी जगह मिलती है स्नान करना शुरू कर देते है। इसलिए यहां पर घाट के निर्माण व रैलिंग के लिए बडी प्लानिंग करना पडेगी।
मन्दिर की स्थिति से अवगत कराया तहसीलदार अजमेर सिंह गौड ने कलेक्टर बनोठ को श्री बिल्वामृतेश्वर महादेव मन्दिर परिसर में स्थित क्षतिग्रस्त हिस्सों व उनकी मरम्मत की आवश्यकता से अवगत कराया। तहसीलदार गौड ने बताया कि मन्दिर के लिए उन्होंने 1 करोड़ 10 लाख रुपए का इस्टीमेट भी बनाया है। कलेक्टर ने अपने साथ आए आर्किटेक्ट शशांक क्षीरसागर से बेंट के विकास के सम्बन्ध में चर्चा कर योजना बनाने के निर्देश दिए। इस अवसर पर एसडीएम एसएन दर्रो, नायब तहसीलदार सोनिका सिंह, टीआई बीएल अटोदे, सीएमओ रामप्रसाद भावरे आदि सहित प्रशासनिक अमला मौजूद था।