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सीसीआई और किसानों की खरीदी में विवाद नीलामी बोली स्थगित

locationधारPublished: Nov 06, 2019 11:22:17 am

Submitted by:

sarvagya purohit

सीसीआई और किसानों की खरीदी में विवाद नीलामी बोली स्थगित

 सीसीआई और किसानों की खरीदी में विवाद नीलामी बोली स्थगित

सीसीआई और किसानों की खरीदी में विवाद नीलामी बोली स्थगित,सीसीआई और किसानों की खरीदी में विवाद नीलामी बोली स्थगित


धामनोद.
मापक यंत्रों से जांच में हो रही देरी के कारण मंडी में किसान नाराज हो गए बाद स्थिति यह बनी कि सीसीआई ने नीलामी बोली भाग नहीं लिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार भारतीय किसान संघ के राधेश्याम चौहान ने बताया कि 4 नवंबर से सीसीआई ने धमानोद मंडी में कपास की खरीदी शुरू कर दी थी समर्थन मूल्य 5450 से 5550 रखा गया। नमी की मात्रा 8 से 12 प्रतिशत के अनुसार उपज के अनुसार था खरीदी के दौरान नए मापक यंत्रो में सीसीआई की खरीदी में करीब 1 वाहन की नीलामी ओर की माल की गुणवत्ता जांचने में करीब 20 मिनट लग रहे थे, जिससे किसान नाराज हो गए। किसानों ने कहा कि प्रति 20 मिनट के हिसाब से यदि सीसीआई वाहनों की जांच कर खरीदी करेगी तो मंडी में करीब बैलगाड़ी और वाहन मिलाकर प्रतिदिन 300 आते हैं, जिसमें किसानों को परेशानी का सामना उठाना पड़ रहा है। भारतीय किसान संघ के राधेश्याम चौहान ने 2 दिन पूर्व इसकी शिकायत सीसीआई की अध्यक्ष प्रबंधक एवं निर्देशक अली रानी से कि जिस पर मंगलवार सुबह इंदौर से सीसीआई के उप महाप्रबंधक अर्जुनएस दवे मंडी पहुंचे तथा वहां पर किसानों से रूबरू हुए, लेकिन बात नहीं बनी तो दो दिन के लिए नीलामी बोली में भाग लेने से मना कर दिया।
नए मापक यंत्र बने परेशानी का कारण
किसानों ने बताया कि पूर्व में कपास की नामी की गुणवत्ता मापक यंत्र से जांचने में दो मिनट लगते थे, लेकिन नए यंत्रों से विलंब हो रहा है, जिससे किसानों को परेशानी का सामना उठाना पड़ रहा है। बताया गया कि किसान दूरदराज ग्रामीणों क्षेत्र से उपजमलेकर मंडी में आता है तथा माल विक्रय कर जब घर जाता है तो रास्ते में भी जोखिम रहती है। किसान संघ का आरोप है कि पहले ही किसान अधिक वर्षा के चलते फसल को खो चुका है। इसलिए किसान को परेशान न किया जाए किसान संघ ने इसकी शिकायत अन्य जगह भी करने की बात कही है।
खेत में कड़ी मेहनत कर किसान पहले ही परेशान रहता है। अब अपनी फसल के विक्रय को लेकर भी मापदंडों का हवाला देकर किसान को परेशान किया जा रहा है जबकि नियमानुसार सीसीआई जो कि गवर्नमेंट के लिए खरीदी करता है। उसने किसान को लाभ एवं उचित मूल्य देना चाहिए, लेकिन तमाम नियमों का हवाला देकर बेवजह किसानों को परेशान किया जा रहा है जद्दोजहद के चलते किसान और अधिकारियों में कुछ देर बहस भी हुई बाद मंडी में सिर्फ व्यापारियों ने खरीदी की सीसीआई ने 2 दिन में समाधान करने की बात को लेकर खरीदी से दूरी बना ली।
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