जिला अस्पताल का यह सफाईकर्मी किसके संपर्क में आया है। इसका पता नहीं चल पाया है। पूछताछ की जा रही है। लेकिन इस सफाईकर्मी के संपर्क में बहुत से लोग आए है। बताया जा रहा है कि इमलीबन निवासी यह सफाईकर्मी जिला अस्पताल में सफाई का कार्य करता है। इसके अलावा यह सिटी कोतवाली थाने पर भी सफाई करता है। 6 दिन पहले बुखार की शिकायत के बाद इसके सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे।
कोरोना पॉजीटीव पाया गया। सैंपल भेजने के बाद भी यह अस्पताल में काम करता रहा। बुधवार को भी सुबह इसने अस्पताल में सफाई की। बताया जा रहा है कि इसके बाद कुछ चिकित्सकों और स्टॉफ के सदस्यों से भी मिला। कोरोना पॉजीटीव मिलने के बाद जब इसे अस्पताल ले जाया गया तो इसके परिजन अस्पताल पहुंच गए और पूरे परिसर में घूमते नजर आए।
अधिकारियों के सामने ही लगा रखी भीड़
जब इमलीबन से कोरोना पॉजीटीव मरीज को टीम लेकर निकली तो वाहन के शीशें भी बंद नहीं किए गए। वाहन के निकलने के दौरान पूरा मोहल्लों घरों से बाहर आ गया। बच्चे से लेकर जवान तक हर कोई घर के बाहर था। अधिकारियों के सामने भी लोग घरों के बाहर खड़े थे। यहां सोशल डिस्टेंसिंग का खुलेआम धज्जियां उड़ती दिखी। मास्क के प्रति भी लोग गंभीर नहीं थे। अधिकांश महिलाएं और बच्चे बगैर मास्क के ही थे।
टीम को धमकाने लगे दरोगा
सफाईकर्मी की रिपोर्ट पॉजीटीव आने के बाद शाम करीब ४.४० बजे स्वास्थ्य विभाग की टीम मरीज को लेने पहुंची। टीम को देख सफाईकर्मी का चाचा जो कि खुद नगर पालिका का कर्मचारी और सफाई दरोगा है आया और चिकित्सकों को धमकाने लगा। कहा कि उसकी तो अभी रिपोर्ट ही नहीं आई है तो कैसे लेने आ गए। इसके बाद जब पुलिस पहुंची तो चाचा पार्षद को बुला लाया। सिटी मजिस्ट्रेट वीरेंद्र कटारे और बाइक पार्टी के पहुंचने के बाद सफाईकर्मी को लेकर टीम रवाना हुई।