scriptचीन से आने वाले माल की कीमतों में 40 फीसदी का उछाल, कोरोना वायरस से फार्मा इंडस्ट्री ‘बीमार’ | Corona virus site effects in mp china goods prices 40 percent jump | Patrika News

चीन से आने वाले माल की कीमतों में 40 फीसदी का उछाल, कोरोना वायरस से फार्मा इंडस्ट्री ‘बीमार’

locationधारPublished: Feb 12, 2020 10:33:36 am

Submitted by:

KRISHNAKANT SHUKLA

फार्मा इंडस्ट्री से जुड़े अन्य उद्योगों पर भी दिखा असर

china_goods_prices.png

इंदौर/धार : चीन में फैले कोरोना वायरस के साइट इफेक्ट मप्र के फार्मा उद्योग पर भी दिखाई देना शुरू हो गए हैं। देश के फार्मा उद्योगे में इस्तमाल होने वाले कच्चे माल का 70 फीसदी हिस्सा चीन से आता है, वायरस के इफेक्ट के चलते कच्चे माल की पूर्ती नहीं हो रही है। मांग की तुलना में सप्लाय बेहद कम होने के कारण कच्चे माल की कीमतों में 10 से 30 प्रतिशत तक की वृद्धि हो गई है।

दवाइयां बनाने के लिए दुनिया में सबसे अधिक इस्तमाल किया जाने वाला पैरासिटामॉल जो एक सप्ताह पहले तक 275 रुपए किलो में मिल रहा था, उसकी मंगलवार को कीमत 450 रुपए किलो थी। सिर्फ पैरासिटामॉल की कीमत में ही एक सप्ताह में 175 रुपए का इजाफा हो गया है। इसी तरह अन्य दवाओं में इस्तमाल होने वाले कच्चे माल की कीमतों में भी 10 से लेकर 40 फीसदी तक का इजाफा हो गया है।

कीमतें बढऩे के साथ ही मॉल की आवक भी धीमी हो गई है। जनवरी के तीसरे सप्ताह में दिए गए ऑर्डर की सप्लाय भी अब तक नहीं हो सकी है। चीन ने कोरोना वायरस के चलते मॉल के निर्यात पर बंदीशें लगा दी हैं, जिससे वह किसी भी देश में माल नहीं जा रहा है।

 

10 दिन में यू बढ़ी कच्चे माल की कीमत

कच्चा माल कीमत ___ अभी कीमत ___एक सप्ताह पहले
पैरासिटामॉल ___450 ___ 275
डिक्लोफेंस पोटेशियम _____1300 ___950
डिक्लोफेंस सोडियम ___1200 ___715
सिप्रोफेक्सिन___ 2400 ___1840
सीपी मेलेट ____1125 ___1075
कैफिन एनहेड्रोस ___790 ___730
क्लोरोक्वीन फॉस्फेट __1825 ___1765
आइबीप्रोफेन ___1050 ___975
(नोट : राशि रुपए में प्रति किलो के हिसाब से)

150 कंपनी मप्र में करती हैं दवाओं का निर्माण
100 करोड़ का कच्चा माल हर माह आता है मप्र
100 उद्योग इंदौर, पीथमपुर सहित आसपास होते हैं संचालित

उत्पादन में 20 फीसदी की गिरावट!

मप्र स्मॉल स्कैल ड्रग मेनुफेक्चरर्स एसोसिएशन के सचिव अमित चावला के मुताबिक इंदौर संभाग से हर महीने करीब 300 करोड़ रुपए की दवाइयां निर्यात की जाती हैं। कच्चे माल की कीमतें बढऩे और आवश्यकता के अनुरूप पूर्ति नहीं होने से छोटे उद्योगों में उत्पादन पर असर होना शुरू हो गया है। जनवरी अंत से कोराना वायरस के चलते चीन से आपूर्ति प्रभावित है। छोटे उद्योगों में अधिक स्टॉक नहीं होने से उत्पादन कम किया जा रहा है। मप्र में करीब 20 फीसदी उत्पादन कम होने की आशंका है। हालांकि बड़ी इंडस्ट्री पर इसका असर कम दिखाई दे रहा है।

 

सरकारी अस्पतालों में सप्लाय पर होगा असर

बैसिक ड्रग डीलर्स एसोसिएशन के महासचिव जयप्रकाश मूलचंदानी के मुताबिक सर्दी-खांसी में उपयोग की जाने वाली छोटी से छोटी गोली से लेकर कैंसर और एड्स जैसी बीमारियों की दवाई बनाने में लगने वाले इंटरमीडिएट्स (कच्चा माल) चीन से आयात होता है। सरकारी अस्पतालों में वितरित होन वाली मुफ्त दवाइयों की सप्लाय पर भी कोरोना वायरस का असर होगा।

रोजगार पर भी इस तरह पड़ेगा असर

फार्मा इंडस्ट्री का प्रभाव करीब 10 अलग-अलग उद्योगों पर होता है। केमिकल के मिलने से लेकर उनकी पैकिंग, बॉटल बनाने वाली कंपनी, कैप्सूल के खोखे बनाने वाले, बॉटल की ढक्कन बनाने वाले, प्रिंटिंग करने वाले, ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम, पैकिंग सहित अन्य उद्योग भी फार्मा इंडस्ट्री से जुड़े हैं। कच्चे माल की कमी के चलते उत्पादन कम होने पर इस सभी पर असर होगा।

दवाओं की कीमतों में भी होगा इजाफा

दवा उत्पादन से जुड़े दर्शन कटारिया बताते हैं, प्रदेश में करीब 100 करोड़ रुपए का कच्चा माल हर माह चीन से आता है। कोरोना के कारण वहां कंपनियों ने बुकिंग लेना बंद कर दी है। माल नहीं आने से उत्पादन कम होने के साथ ही दवाइयों की कीमत बढ़ेगी।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो