प्राप्त जानकारी के अनुसार बुधवार को मगरमच्छ के आने की सूचना के बाद बाग वन विभाग की टीम हरकत में आ गई। बाग एवं कुक्षी वन विभाग की टीम रेस्क्यू के लिए तत्काल मौके पर पहुंची, लेकिन मगरमच्छ के पानी से बाहर नहीं आने के कारण उसे पकड़ा नहीं जा सका था। वन विभाग का अमला मंगलवार दोपहर से ही वहां मौजूद था। इसको पकडऩे के लिए तालाब का पानी खाली करवाया जा रहा था। सुबह 4 बजे के लगभग तालाब में आए मगरमच्छ को पकडऩे में विभाग की रेस्क्यू टीम को सफलता हाथ लगी।
रेंजर राजेश चौहान ने बताया कि मगरमच्छ की लंबाई 10 फीट से अधिक है और तालाब गांव के नजदीक होने से मगरमच्छ पर नजर रखी जा रही थी। रेंजर राजेश चौहान ने बताया कि मगरमच्छ के रेस्क्यू ऑपरेशन की यह पहली घटना होगी। हमारे पास बड़े मगरमच्छ के रेस्क्यू के लिए अनुभव नहीं है। मंगलवार को हमने खाली पिंजरे में मगरमच्छ को आकर्षित करने के लिए मुर्गी रखने का प्रयोग किया था, लेकिन सफल नहीं हो पाए। चौहान ने कहा कि हमारे जिले एवं संभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया दिया गया था।
युवक ने पानी में तैरते देखा मगरमच्छ कुक्षी के निकट कापसीपुरा गांव में भगवान सोलंकी के घर के पास छोटे से तालाब में मंगलवार को सुबह उनके पुत्र ने तालाब में एक बड़े मगरमच्छ को तैरते हुए देखा था। तत्काल इसकी सूचना वन विभाग के रेंजर को दी गई थी। बताया गया कि तालाब के वेस्ट वेयर के पानी से निकट बहने वाली बाघनी नदी के मिलने से बारिश के दौरान यह मगरमच्छ पानी के रास्ते इस छोटे तालाब में आ गया होगा। मगरमच्छ के रेस्क्यू को देखने के लिए बड़ी संख्या में ग्रामीण भी तालाब के निकट एकत्रित हो गए थे। इंदौर से पहुंची रेस्क्यू टीम भी पहुंच चुकी थी। तालाब में बड़ा पिंजरा लगा दिया गया था। कुक्षी राजस्व विभाग की टीम, तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक सहित ग्रामीण भी स्पॉट पर मौजूद रहे। मगरमच्छ को नर्मदा नदी में छोड़ा गया।