scriptकोर्ट में उलझी डिपो की दुकानों पर फिर होने लगा रसूख का कब्जा | Depot shops entangled in court, possession of clutches again | Patrika News

कोर्ट में उलझी डिपो की दुकानों पर फिर होने लगा रसूख का कब्जा

locationधारPublished: Aug 19, 2019 11:13:37 am

Submitted by:

atul porwal

पहले एसडीएम ने लगाए थे ताले अब बाले-बाले खोल दी दुकानें, आरटीओ नए तो ध्यान नहीं, प्रशासनिक लापरवाही भी उजागर

Dhar

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धार.
मप्र राज्य परिवहन निगम के बस डिपो की कुछ दुकानें कोर्ट कचहरी में उलझी पड़ी हैं, जबकि इन पर कब्जा जमाने का सिलसिला जारी है। मोहन टाकिज चौराहा स्थित रोडवेज डिपो की कुछ दुकानों पर पहले भी कब्जे की कोशिश हुई थी, लेकिन धार एसडीएम वीरेंद्र कटारे ने कार्रवाई करते हुए इन्हें सील कर दिया था। अब तीन दिन पहले सील की हुई दुकानों को छोडक़र कुछ दुकानों की साफ सफाई शुरू हो गई। इधर आरटीओ नए होने से उन्हें डीपो की जानकारी ही नहीं हैं। जबकि प्रशासन भी डिपो को लेकर सक्रिय नजर नहीं आ रहा है।
गौरतलब है कि मप्र में पंद्रह साल की भाजपा सरकार ने प्रदेशभर की राज्य परिवहन निगम की संपत्ति को लेकर कोई ठोस निर्णय नहीं ले पाई। इसमें धार की संपत्ति भी शामिल है। इधर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही कुछ रसूखदारों ने धार के बस डिपो की दुकानों पर कब्जा करना शुरू कर दिया। करीब चार महीने पहले बगैर अनुमति के खुली कुछ दुकानों पर कार्रवाई की गई तो दुकान मालिकों ने किराए पर लेना बताया। इसको लेकर उन्होंने किराए की रसीद भी दिखाई, लेकिन राज्य परिवहन निगम के बंद होने के बाद से ही उसकी संपत्ति परिवहन विभाग, स्थानीय पालिका व अन्य विभागों की तनातनी का मामला कोर्ट में चल रहा है।
बंद पड़ी है दुकानें
धार रोडवेज डिपो के बाहर बने कमर्शियल कॉम्प्लेक्स में दो दर्जन से ज्यादा दुकानें हैं, लेकिन इनमें से 16 दुकानें बंद पड़ी है। बता रहे हैं कि इनकी निलामी इसलिए नहीं हो सकती, क्योंकि मामला कोर्ट में है। शुक्रवार को बंद पड़ी दुकानों में से पांच दुकानों की साफ सफाई होती नजर आई, जिससे आरटीओ और प्रशासनिक अधिकारी बेखबर हैं। सूत्र बता रहे हैं कि जो लोग दुकानों पर कब्जा जमाने का प्रयास कर रहे हैं, वे कांग्रेसी नेताओं के संपर्क वाले लोग हैं।

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