कुक्षी एसडीएम नवजीवन पंवार शराब पकडने के लिए 13 सितंबर को पहुंचे थे। इसी बीच माफियाओं ने हमला कर दिया था। बाद में पुलिस ने मौके पर पहुंचकर 50 लाख से अधिक की शराब जब्त कर शराब ले जा रहे और हमला करने वाले सुखराम सहित कई लोगों पर मुकदमा कायम किया था। बाद में एसआइटी का गठन किया था। जांच में पाया कि शराब रिंकू भाटिया के ठेके से भरी गई थी। पुलिस ने माफिया भाटिया पर एफआइआर दर्ज कर ली थी। इसके बाद ये फरार हो गया था। फरार होने पर पुलिस ने भाटिया पर10हजार काइनाम घोषित किया था। भाटिया जब से फरार चल रहा है। भाटिया ने अभिभाषक के माध्यम से कुक्षी में अग्रिम जमानत का आवेदन लगाया था। जहां से आवेदन खारिज कर दिया गया है। टीआइ ब्रजेश मालवीय ने बताया कि भाटिया की जमानत पर पुलिस ने आपत्ति लगाई थी। जिसके चलते न्यायालय ने खारिज कर दी है।
ये था मामला गौरतलब है कि कुक्षी में एसडीएम नवजीवन विजय पंवार और नायब तहसीलदार राजेश भिड़े ने जिस अवैध शराब के ट्रक को रोका था उसमें 53 लाख रुपए की अवैध शराब भरी हुई थी। पुलिस की एसआईटी जांच में पाया गया था कि यह अवैध शराब बड़वानी में शराब ठेकेदार रिंकू भाटिया की लाइसेंसी दुकान से निकली थीए जो झाबुआ जा रही थी। इस मामले में पुलिस भाटिया को भी आरोपी बना चुकी है। वहीं मजिस्ट्रीयल जांच समिति इस मामले में अवैध शराब की जांच कर रही है।
80 से 100 ट्रक निकलते थे सूत्रों के मुताबिक काटकूट में भाटिया का ठेका है। शराब बडवानी के रास्ते महाराष्ट्र और गुजरात भेजी जाती है। इसमामले में प्रशासन को पत्र भी प्राप्त हुआ है। पत्र में बताया कि खरगोन आबकारी अमले की मिलीभगत से कारोबार हो रहा है। प्रति माह 80 से 100 ट्रक बाहर भेजे जा रहे है। डिस्टरी से 500 पेटी का प रमिट बनाया जाता था।इस तरह प्रति दिन तीन से चार परमिट पर 1500 से1800 पेटियां भी भेजी जाती थी।जबकि काटकूट छोटा गांव होने सेइतनी खपत वहां है ही नहीं।