दरअसल, धार जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर तीसगांव में बारिश के बाद कई घरों में पानी घुस गया है। कुछ दिनों पहले यहां mprdc के द्वारा का सड़क का निर्माण किया गया था, उसमें नाली निर्माण भी ठेकेदार व विभाग द्वारा गांव की नालियों को सही नहीं बनाया। जिसका खामियाजा यह हुआ कि बारिश के बाद गांव से पानी नहीं निकला।
इसे भी पढ़ें: 3 लड़की के साथ 15 दिन से शिवानी ले रही थी ड्रग्स, 2 लड़के कॉलोनी में रख गए शव तो दादी-चाची ने सुनाई कहानी वहीं, देर रात हुई तेज बारिश के बाद ग्रामीणों के घर में पानी घुस गया। इससे लोगों के घरों में रखे अनाज, सामान और पैसे पानी में बह गए। जांच के लिए एसडीएम विरेंद्र कटारे आज गांव पहुंचे तो शिकायत लेकर ग्रामीणों ने उन्हें घेर लिया। उसके बाद एसडीएम विरेंद्र ने ग्रामीणों को ही उल्टे डांटने लगे।
मैं ही नौकरी करता हूं क्या
वहीं, एसडीएम के सामने शिकायतों की झड़ी लगा रहे थे। मौके पर जिले के दूसरे अधिकारी और पंचायत सचिव वैगरह वहां मौजूद थे। एसडीएम गुस्से से लाल थे। ग्रामीणों के बाद वे सरकारी कर्मचारियों पर भी भड़क गए। उसके बाद अपने पीछे खड़े अधिकारियों को डांटने लगा। एसडीएम विरेंद्र कटारे ने कहा कि यहां सिर्फ मैं ही नौकरी करता हूं क्या।
वहीं, एसडीएम के सामने शिकायतों की झड़ी लगा रहे थे। मौके पर जिले के दूसरे अधिकारी और पंचायत सचिव वैगरह वहां मौजूद थे। एसडीएम गुस्से से लाल थे। ग्रामीणों के बाद वे सरकारी कर्मचारियों पर भी भड़क गए। उसके बाद अपने पीछे खड़े अधिकारियों को डांटने लगा। एसडीएम विरेंद्र कटारे ने कहा कि यहां सिर्फ मैं ही नौकरी करता हूं क्या।
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वहीं, एमपीआरडीसी के जिम्मेदार अधिकारी एसडीएम के फोन के बाद भी नहीं पहुंचे। एसडीएम, कलेक्टर और एसपी ने मौके पर जाकर मुआयना किया। लोगों के घरों में घुसा पानी एवं खाने के अनाज खत्म हो जाने पर कलेक्टर ने आदेश दिए और उनको खाने की उचित व्यवस्था की जाए। वहीं अस्पताल में पानी घुसने के कारण अस्पताल के कागज मेडिसिन भी गीली हो गई हैं।
वहीं, एमपीआरडीसी के जिम्मेदार अधिकारी एसडीएम के फोन के बाद भी नहीं पहुंचे। एसडीएम, कलेक्टर और एसपी ने मौके पर जाकर मुआयना किया। लोगों के घरों में घुसा पानी एवं खाने के अनाज खत्म हो जाने पर कलेक्टर ने आदेश दिए और उनको खाने की उचित व्यवस्था की जाए। वहीं अस्पताल में पानी घुसने के कारण अस्पताल के कागज मेडिसिन भी गीली हो गई हैं।