कानवन टीआई कमलसिंह गेहलोत ने मुखबीर की सूचना पर कानवन चौपाटी पर पाईंट लगाया था। कार में सरोज नरबहादुर और रवि पिता ओम निवासी बैठे थे। कार में शराब की खेप रखी हुई थी। पुलिस ने शराब जब्त कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद लाकडाउन अवधि में इतनी बड़ी मात्रा में ये लोग शराब कहां से लेकर आए और कौन-कौन इस गौरखधंधे से जुडा है,ये जानने के लिए पुलिस ने इनका रिमांड मांगा था। रिमांड शनिवार को पूरा हो गया है। शनिवार को इन लोगों को बदनावर जेएमएफसी सचिन जाधव के यहां पेश किया। जहां से दोनों को जेल भेज दिया है। गेहलोत ने बताया कि ये लोग लेबड़ और धार से शराब लाना बता रहे है। टीआई ने बताया कि रिमांड में दोनों ने बताया कि ये दुकानों से शराब लाकर डिमांड के आधार पर सप्लाय करते थे। ये लोग ढाबों पर शराब देने निकले थे और पुलिस के हत्थे चढ़ गए। अब आबकारी अमले को पत्र लिखकर संबंधित दुकानों की जांच की बात कही जाएगी। दरअसल होलमार्क के आधार पर आबकारी अमला आसानाी से उस दुकान तक पहुंच सकता है। जहां से इन लोगों ने इतनी अधिक मात्रा में शराब खरीदी थी, लेकिन अमला कार्रवाई नहीं कर पा रहा है।
उधर मोटरसाइकिल से धार में शुरू हुई खेप डलना धार की कई गलियों में ब्लेकर फिर से सक्रिय हो गए है। बताया जा रहा है कि अभी चार पहिया वाहन की बजाया ब्लेकर अलग-अलग दुकानों से मोटरसाइकिल से पेटियां रखकर ला रहे है। ये लोग अपने घरों या गोदामों में स्टाक कर लेते है। शहर के अंदर ही लोगों को अधिक मूल्य चुकाने के बाद शराब आसानी से मिल रही है।