scriptधार से इंदौर, परमिट का उल्लंघन, टोल बचाने के चक्कर में गांव वालों पर बरसी आफत | Dhar to Indore, violation of permit, rain on the villagers due to toll | Patrika News

धार से इंदौर, परमिट का उल्लंघन, टोल बचाने के चक्कर में गांव वालों पर बरसी आफत

locationधारPublished: Oct 14, 2019 11:42:16 am

Submitted by:

atul porwal

रूट बदलकर मेठवाड़ा गांव से गुजर रही बसें, परमिट से हटकर चल रही बसों पर आरटीओ नहीं कर रहे कार्रवाई

धार से इंदौर, परमिट का उल्लंघन, टोल बचाने के चक्कर में गांव वालों पर बरसी आफत

धार से इंदौर, परमिट का उल्लंघन, टोल बचाने के चक्कर में गांव वालों पर बरसी आफत

पत्रिका एक्सपोज
धार.
इंदौर जाने या वहां से आने के लिए भले ही शहर और इंदौर से 250 से ज्यादा बसें दौड़ लगाती हों, लेकिन इनमें से 150 से ज्यादा बसें वाया बेटमा, इंदौर का सफर तय करती हैं। इसी मार्ग पर मेठवाड़ा के पास इंदौर-अहमदाबाद नेशनल हाईवे का टोल आता है, जहां मोटा टोल चुकाना पड़ता है। इससे बचने के लिए अधिकांश बसें पीथमपुर रोड का कुछ सफर तय कर मेठवाड़ा गांव से गुजर रही हैं, जो परमिट नियम का सीधा उल्लंघन है। दरअसल परमिट धार से हाईवे पर चलकर ही इंदौर जाने-आने का है, लेकिन परमिट शर्तों का उल्लंघन करते हुए बसें मेठवाड़ा गांव से निकल कर टोल बचा रही है। यह परमिट नियम के विपरित भी है और गांव से बड़े वाहन गुजरने से गांव वालों की भी आफत हो रही है। बावजूद इसके आरटीओ इन पर कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं।
क्या कहता है परिवहन अधिनियम
परिवहन अधिनियम के तहत बस को जिस रूट का परमिट दिया जाता है उसका उल्लंघन करते पाए जाने पर उसके खिलाफ कार्रवाई में बस का परमिट निरस्त किया जा सकता है। लेकिन आपसी साठगांठ के कारण उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हो रही है। बसों के फिक्स परमिट इंदौर आरटीओ से जारी होते हैं, जिनके द्वारा परमिट नियम का उल्लंघन पाए जाने पर इंदौर आरअीओ को कार्रवाई का अधिकार है। बावजूद इसके इसमें ढीलपोल बरती जा रही है। परमिट नियम तोडऩे के कारण बस से सफर करने वाले यात्रियों को भी इंदौर जाने में ज्यादा समय लग रहा है, बल्कि मेठवाड़ा गांव के रोड पर ट्रेफिक बढऩे से गांव की सडक़ तक खराब हो चुकी है।
कई बार हो चुका है झगड़ा
मेठवाड़ा गांव इंदौर जिले के बेटमा थाने में आता है। गांव की आबादी लगभग ६ हजार है, जो इंदौर-अहमदाबद नेशनल हाईवे व महू-नयागांव स्टेट हाईवे के बीच बसा हुआ है। दो बड़े मार्ग से जुड़ा गांव यूं तो भाग्यशाली है, लेकिन टोल बचाने के चक्कर में गांव से गुजरते बड़े वाहनों ने लोगों की जान आफत में डाल रखी है। एक तो गांव की सडक़ खराब हो गई, वहीं बड़े वाहनों के कारण हादसों का अंदेशा लोगों की नींद उड़ा रहा है। गांव से गुजरने वाले वाहनों को रोकने के लिए अब तक कई बार गांव के लोग वाहन चालकों से झगड़ा कर चुके हैं, जिसमें पुलिस ने बीचबचाव किया, लेकिन अब तक किसी जिम्मेदार ने कार्रवाई का बीड़ा नहीं उठाया, जिससे बस और बड़े वाहन टोल बचाने के लिए बेखौफ गांव की सडक़ से ही गुजर रहे हैं।
लेबड़ में भी पेंच
धार-इंदौर या इंदौर-धार परमिट में अधिकांश बसों का परमिट वाया लेबड़ गांव होकर गुजरने का है, लेकन बस वाले हाईवे से लेबड़ बायपास होकर ही निकल जाते हैं। इससे लेबड़ गांव के लोग खासे परेशान हैं। परमिट नियम के खिलाफ शार्टकट मारती बसों के खिलाफ कार्रवाई से परिवहन अधिकारी कन्नी काट रहे हैं, जिससे उनकी साठगांठ साफ नजर आ रही है।
मेठवाड़ा हमारे क्षेत्र में नहीं
टोल बचाने के चक्कर में कौन सी बस मेठवाड़ा गांव से गुजरती है और कौन परमिट नियमों का पालन करती है इसकी हमें जानकारी नहीं। वैसे भी मेठवाड़ा गांव इंदौर जिले में आता है, जो हमारे कार्यक्षेत्र से बाहर है। रही बात लेबड़ बायपास से गुजर जाने की तो टीम लगाकर जांच करेंगे और नियम तोडऩे वाली बसों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।
विक्रमजीत सिंह कंग, आरटीओ, धार
हमें तो जानकारी ही नहीं
बस का परमिट अगर गांव से होकर गुजरने का नहीं है और फिर भी वे टोल बचाने के लिए गांव से गुजर रही है तो गलत है। लेकिन अब तक ना तो टोल वाले ने हमसे शिकायत की और ना ही गांव वालों ने आवेदन दिया। हमें तो पता ही नहीं कि बस वाले परमिट नियमों को उल्लंघन कर रहे हैं। आपने बताया तो हम दिखवा लेते हैं और अगर कोई नियम के विपरित चला ताया गया तो उसे नोटिस देंगे, परमिट निरस्त करने की कार्रवाई करेंगे।
जितेंद्रसिंह, रघुवंशी, आरटीओ इंदौर
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो