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सरकारी इलाज में मुफ्त में इलाज की आस लिए आया था परिवार डाक्टर ने मांग लिए रुपए, फिर क्या हुआ

locationधारPublished: Jul 01, 2022 08:48:36 pm

Submitted by:

amit mandloi

सरदारपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का मामला, डॉक्टर व नर्स के खिलाफ प्रकरण दर्ज

सरकारी इलाज में मुफ्त में इलाज की आस लिए आया था परिवार डाक्टर ने मांग लिए रुपए, फिर क्या हुआ

सरकारी इलाज में मुफ्त में इलाज की आस लिए आया था परिवार डाक्टर ने मांग लिए रुपए, फिर क्या हुआ

धार/सरदारपुर.

जिले के सरदारपुर ब्लॉक मुख्यालय स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर शुक्रवार को एक महिला चिकित्सक को रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त इंदौर की टीम ने रंगेहाथ पकड़ा। सरदारपुर के बीमरोड गांव के रहने वाले पीडि़त की शिकायत पर लोकायुक्त ने यह कार्रवाई की। पीडि़त आवेदक के भाई की पत्नी को सरदारपुर स्वास्थ्य केंद्र पर प्रसव के लिए भर्ती करवाया गया था। लेकिन महिला चिकित्सक ने नार्मल डिलीवरी के बजाय ऑपरेशन करने की बात कहते हुए 10 हजार रुपए की मांग की। इस पर 8 हजार रुपए देना तय किया गया। आवेदक ने 2 हजार रुपए गुरुवार को ही दे दी थी, जबकि 6 हजार रुपए शुक्रवार को देते हुए लोकायुक्त ने महिला चिकित्सक को ट्रैप कर लिया। लोकायुक्त ने प्रकरण दर्ज गिरफ्तारी की।
लोकायुक्त इंदौर को रिश्वतखोरी की शिकायत की

जानकारी के अनुसार आवेदक महेश पिता निवासी ग्राम बीमरोद-सरदारपुर ने लोकायुक्त इंदौर को रिश्वतखोरी की शिकायत की। इसमें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सरदारपुर पर पदस्थ डॉ. संगीता पाटीदार(५५) द्वारा रिश्वत लेने की शिकायत की गई। आवेदक महेश के चचेरे भाई यशवंत की पत्नी बेनुबाई गर्भवती होने से 27 जून को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर डिलीवरी के लिए भर्ती करवाया था। डिलीवरी के एवज में डॉ. पाटीदार ने १० हजार रुपए मांगे। शुक्रवार को डॉ. पाटीदार हॉस्पिटल में सहयोग पूजा बबेरिया के जरीए 6 हजार रुपए दिलवाए। लोकायुक्त की टीम ने डॉ. पाटीदार व बबेरिया को रिश्वत लेते रंगेहाथ ट्रेप कर लिया। लोकायुक्त टीआइ आशा सेजकर व टीम द्वारा आरोपियों पर भ्रष्टाचार निवारण संशोधन अधिनियम-२०१८ की धारा-७ व १२०बी भादवि के तहत कार्रवाई की गई।
नेताओं का संरक्षण प्राप्त है

सरकार द्वारा मोटी सेलेरी के बाद भी ये मरीज के परिजनों को परेशान करती थी। गरीब परिजन इसकी शिकायत करने से डरते थे। बताया जाता है डा को स्थानीय नेताओं का वरद हस्त प्राप्तहै। जिसके चलते आज तक ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई थी।
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