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सबसे बड़े ब्लैक स्पाट पर जोर दूसरे छूटे रहे, नहीं लग पाई दुर्घटनाओं पर लगाम

locationधारPublished: Nov 06, 2019 11:48:34 am

Submitted by:

atul porwal

पत्रिका पहल पर एक्शन मोड में आए कलेक्टर, एसपी, कलेक्टर ने कहा अगले महीने से हर ब्लेक स्पाट पर ट्रैफिक अवेयरनेस के लिए होंगे नुक्कड़ नाटक, एसपी ने कहा हर थाने पर तेज करेंगे नियम तोडऩे वालों पर कार्रवाई

सबसे बड़े ब्लैक स्पाट पर जोर दूसरे छूटे रहे, नहीं लग पाई दुर्घटनाओं पर लगाम

सबसे बड़े ब्लैक स्पाट पर जोर दूसरे छूटे रहे, नहीं लग पाई दुर्घटनाओं पर लगाम

पत्रिका इंपेक्टर
धार.
यूं तो जिले भर में 17 ऐसे ब्लैक स्पॉट लिस्टेड है, जहां साल में दस से ज्यादा मौतें दर्ज होती है, लेकिन इनमें सबसे बड़ा ब्लैक स्पाट गणेश घाट है। यहां ना केवल जिला व पुलिस प्रशासन की दौड़ लगी हुई है बल्कि जन प्रतिनिधि भी सक्रिय हैं। बाकी ब्लैक स्पाट की अनदेखी से हादसों पर रोक नहीं लग पा रही है। पत्रिका ने जिले भर का आकलन कर जिम्मेदारों को जगाया तो एसपी व कलेक्टर एक् शन मोड पर आ गए। कलेक्टर श्रीकांत बनोठ ने पत्रिका को बताया कि अब तक ब्लैक स्पाट पर क्या हुआ, पता करता हूं और अगले महीने से स्वयं इनका दौरा कर वहां नुक् कड़ नाटक से लोगों को ट्रैफिक के लिए अवेयरनेस प्रोग्राम चलाएंगे। इधर एसपी आदित्य प्रताप सिंह ने हर थाने पर ट्रैफिक नियम तोडऩे वालों पर सख्त और कार्रवाई को तेज करने की बात कही।
महू-नयागांव पर सबसे ज्यादा ब्लैक स्पाट
महू से चल कर नयागांव जाने वाला स्टेट हाईवे शुरू से ही खराब ंइंफ्रास्ट्रक्चर के कारण चर्चा में है। एमपीआरडीसी द्वारा बनाए गए करीब 283 किमी की इस सडक़ में इतनी खामियां है कि केवल धार जिले में ही इस मार्ग पर 1 ब्लैक स्पाट हैं, जिस हर एक पर साल भर में होने वाली दुर्घटनाओं में दस से ज्यादा लोग दम तोड़ देते हैं। हालांकि जिले का सबसे बड़ा ब्लैक स्पाट गणेश घाट है, जिसके खराब इंफ्रास्ट्रक्चर से हर तीसरे दिन एक्सिडेंट हो रहे हैं और इनसे लोगों की जान से खिलवाड़ हो रहा है। इसके अलवा जिले के ठेठ आदिवासी क्षेत्र में भी पुलिस ने कई ब्लैक स्पाट चिन्हित किए, जहां होने वाली दुर्घटनाओं और इनमें मरने वालों का आंकड़ा ज्यादा है। बावजूद इसके अब तक इस पर काई काम नहीं हो पाया, लेकिन पत्रिका की पहल के बाद अब कलेक्टर व एसपी दोनों सभी ब्लैक स्पाट का जायजा लेकर वहां होने वाले एक्सिडेंट रोकने के लिए स्थानीय थाने और प्रशासनिक अफसररों की तैनाती करेंगे।
किस थाने में कितने और कहां ब्लैक स्पाट
थाना ब्लैक स्पाट का स्थान
धामनोद गणेश घाट
कानवन मनासा
कानवन छोकला फाटा
कानवन दत्तीगारा फाटा
कानवन नागदा
कानवन भोइंदा फाटा
बदनावर बड़ी चौपाटी
बदनावर मुलठान
बदनावर पिटगारा फाटा
पीथमपुर लेबड़ तिराहा
सेक्टर-१ भोंडिया तालाब तिराहा
सेक्टर-१ डाक बंगला
सागौर खंडवा फोरलेन चौराहा
मनावर टोंकी फाटा
डही थांदला
डही अतरसुमा
तिरला हजरतपुर
पत्रिका की कलेक्टर श्रीकांत बनोठ से चर्चा
सवाल- लगातार हो रही दुर्घटनाओं को रोकने के लिए क्या प्लानिंग है।
जवाब- हम लगातार काम कर रहे हैं और गणेश घाट पर हादसे रोकने के लिए अस्थाई डिवाईडर भी लगा दिए हैं।
सवाल- क्या केवल एक ही सडक़ पर हादसे हो रहे हैं।
जवाब- ऐसा नहीं, लेकिन आगरा-बॉम्बे रोड पर जिले के गणेश घाट में सबसे ज्यादा हादसे होते हैं।
सवाल- बाकी सडक़ों पर होने वाले हादसों पर रोक लगाने की क्या प्लानिंग है।
जवाब- ट्रैफिक को लेकर पत्रिका की पहल अच्छी है। अगले महीने से हम कर बड़े पाइंट से कुछ दूर पहले और बाद में नुक्कड़ नाटक से लोगों को जागरूक करेंगे।
पत्रिका की एसपी आदित्य प्रताप सिंह से चर्चा
सवाल- पुलिस ने जिले भर की सडक़ों का मुआयना कर ब्लैैक स्पाट चिन्हित किए, लेकिन अब तक इन पर सुधार के प्रयास क्यों नहीं हुए।
जवाब- पुलिस अपराधों पर लगाम लगाने के पूरे प्रयास कर रही है। सडक़ पर ट्रैफिक नियम तोड दौड़ रहे वाहनों पर भी कार्रवाई कर रहे हैं। ब्लैक स्पाट चिन्हित कर वहां भी इंतजाम किए हैं।
सवाल- इंतजाम का दावा है तो हादसों पर रोक क्यों नहीं लग पा रही।
जवाब- जिला बड़ा और बल की कमी किसी से छिपी नहीं है। फिर भी पुलिस हर ब्लैक स्पाट पर मुस्तैद है और कोशिश से हादसों पर रोक भी लगी है।
सवाल- ट्रैफिक अवेयरनेस के लिए पुलिस क्या कर रही है।
जवाब- ट्रैफिक अवेयरनेस के लिए हम लगातार कार्रवाई कर रहे हैं। इसमें आरटीओ को भी सख्ती से मेदान में उतरना चाहिए। पत्रिका की ट्रैफिक अवेयरनेस वाली पहल से लोगों को भी जागरूक होना चाहिए। मैने भी प्रत्येक थाना प्रभारी को कह दिया है कि नियम तोडऩे वाले वाहन चालकों पर कड़ी कार्रवाई करे और यह लगातार जारी रहे।
सवाल- क्या कार्रवाई में राजनीतिक अड़ंगा तो नहीं।
जवाब- अच्छे काम के लिए सभी का सपोर्ट मिलता है। इसमें किसी तरह का राजनीतिक अड़ंगा नहीं।
सवाल- पुलिस वाले ही बगैर हेलमेट दो पहिया वाहन दौड़ा रहे हैं। इन्हें कौन जागरूक करेगा।
जवाब- बगैर हेलमेट दो पहिया गाड़ी चलाना ट्रैफिक नियम का खुला उल्लंघन है। यदि कोई भी व्यक्ति चाहे वह पुलिस कर्मचारी ही क्यों ना हो उसके खिलाफ कार्रवाई होना जरूरी है। आज ही सभी को निर्देशित कर देता हूं कि किसी भी तरह से ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन ना करे।
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