धार

श्रेष्ठ परिणाम देने के बावजूद नहीं बन पाया एक्सीलेंट सेंटर

कुशाभाऊ ठाकरे खेल प्राधिकरण

धारJan 16, 2019 / 12:42 am

amit mandloi

pradhikaran dhar

सर्वज्ञ पुरोहित
धार. शहर के कुशाभाऊ खेल प्राधिकरण (स्पेशल एरिया जोन) खुले लगभग २९ साल हो गया है। यहां से निकले कई खिलाड़ी और राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना नाम रोशन कर रहे हैं। प्राधिकरण का दुर्भाग्य यह रहा है कि खेल विधाओं में श्रेष्ठ परिणाम देने के बाद भी यहां आज तक एक्सीलेंट सेंटर नहीं बनाया गया है। इसकी मुख्य वजह यहां पर प्रशासनिक अधिकारी पद पर नियुक्ति नहीं होना है। वहीं बार-बार खेल विधाओं का बंद किए जाने से विपरीत प्रभाव पड़ा है।
यहां पर ऐसे प्रशिक्षक भेजे जाते हैं, जिन्होंने सेवा अवधि में कोई उपलब्धि प्राप्त नहीं की। वहीं कार्यालय में भी स्थाई पदों पर नियुक्तियां नहीं की जा रही है। प्रशासक एवं प्रशिक्षक जूनियर व्यक्ति को बनाने से भी यहां प्रशासनिक व्यवस्थाएं ठीक नहीं है। दूसरी ओर जो विधाएं अच्छा रिजल्ट दे रही हैं, उन्हें क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा बंद कर दिया जाता है। वर्तमान में यहां पर बैडमिंटन, फुटबॉल, एथेलेटिक्स, तीरंदाजी, कराते, ताइक्वांडो विधाएं संचालित हैं। प्राधिकरण को एक्सीलेंट सेंटर बनाने के लिए लगातार अंतरराष्ट्रीय उपलब्धियां तथा राष्ट्रीय स्तर के मेडल के परिणाम होने चाहिए, ऐसा खेल मंत्रालय का नियम है। वहीं स्थानीय प्रशासक, क्षेत्रीय निर्देशक एवं महानिर्देशक दिल्ली का इस पर ध्यान नहीं है। बैठकों में पूर्व प्रशासक द्वारा परिणाम सहित मांग की गई थी कि क्षेत्रीय सांसद को भी अवगत कराया जाए। अन्य कारणों की बात करें तो आरंभ के एक दशक में देखरेख एवं निरीक्षण समिति बनाए गई। विगत दो दशक से प्रशासक ये समिति ही नहीं बना
रहे हैं।

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