गौरतलब है कि पत्रिका ने गुरुवार के अंक में शहर में संचालित हो रही इन फर्जी लैब का भंडाफोड़ किया था। अखिल भारतीय उपभोक्ता उत्थान संगठन के जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र जोशी व जिला उपाध्यक्ष सतीश वर्मा ने सीएमएचओ ऑफिस से आरटीआई में शहर में संचालित होने वाली पैथोलाजी लैब की जानकारी जुटाई थी। आरटीआई में प्राप्त जानकारी के अनुसार शहर में सिर्फ दस लैब ही अधिकृत है। जबकि शेष संचालित हो रही लैब फर्जी तरीके से संचालित हो रही थी। पत्रिका ने पड़ताल की तो लैब संचालक अपनी लैब बंद कर गायब हो गए।
शॅटर पर लटका दिया ताला शहर के लाडग़ली में संकल्प नाम से पैथोलाजी लैब संचालित हो रही थी। इस लैब से संबंधित जानकारी सीएमएचओ ऑफिस से दी गई आरटीआई सूची में नहीं थी। पत्रिका के शुक्रवार अंक में लैब का फोटो व जानकारी प्रकाशित होने के बाद शुक्रवार को न तो मौके पर संकल्प लैब थी और न ही उसका बोर्ड लगा था। सिर्फ शॅटर लगी हुई थी और उस ताला था। लेकिन सीएमएचओ विभाग इस मामले में दूसरे दिन भी निष्क्रिय नजर आया।