दोबारा पहुंचा ठगी की नीयत से करीब दो माह बाद गंगा दशमी के अवसर पर पुन:व्यक्ति ढाबे पर पहुंचा तथा बताया की आज यहां से गुजरना हो रहा था तो मुझे शराब चाहिए तब ढाबे संचालक ने शराब देने से इनकार किया तो ड्राइवर के माध्यम से शराब बुलाकर पी। इसी दौरान ढाबा संचालक अनूप जाट से कहा कि मैं एक गौशाला के लिए बहुत बड़ा दान करने वाला हूं तथा दान करने के लिए अपने साथ लाए करीब 15 लाख रुपए भी दिखाएं तथा संचालक अनूप जाट व मैनेजर को वशीकरण कर एक एक सोने की चेन तथा 30 हजार गौशाला के नाम से ले गया । गौशाला के लिए अन्य कार्यों को करूंगा ऐसा कह कर अनूप जाट के एक साथी को भी बड़ौदा तक ले गया । घटना के करीब 2 माह बाद जब व्यक्ति द्वारा चौधरी ढाबे पर सोने की दो तोले की चेन एवं नकदी राशि के लिए पुन: श्याम सुंदर पिता सत्यनारायण शर्मा निवासी ब्यावर जिला अजमेर राजस्थान से लगातार संपर्क किया तो वह टालता रहा । बार.बार फोन करने पर पुन: जब वह चौधरी ढाबे पर शनिवार पहुंचा तो ढाबे संचालक को शंका हुई कि आईपीएस अधिकारी नहीं है एक फर्जी अधिकारी है जिस पर उन्होंने धामनोद पुलिस को सूचना दी। तब पुलिस ने मौके पर पहुंचकर श्याम प्रसाद शर्मा को गिरफ्तार किया । व्यक्ति के पास आईपीएस अधिकारी होने के दस्तावेज नहीं थे तथा वाहन की जांच करने पर करीब 9 लाख से भी अधिक रुपए केश जब्त हुआ साथ साथ फर्जी दस्तावेज भी पुलिस को मिले।
देर शाम पुलिस अधीक्षक पहुंचे धामनोद फर्जी आईपीएस अधिकारी से जुड़े होने के कारण घटना की जानकारी धार पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह को तत्काल दी गयी देर शाम धामनोद थाने पर पुलिस अधीक्षक भी पहुंचे समाचार लिखे जाने तक पुलिस द्वारा पूछताछ जारी थी निश्चित तौर पर इस घटना में एक बड़ा खुलासा होने की संभावना है बताया जाता है कि संचालक के साथ वारदात की नीयत से पुन: श्याम सुंदर शर्मा आया था वह घटना को अंजाम देने से पहले ही पुलिस के हत्थे चढ़ गया अब पुलिस पूरे मामले की विवेचना कर रही है वहीं ढाबे संचालक द्वारा यह बताया गया कि व्यक्ति के साथ तीन अन्य थे जो किसी दूसरी गाड़ी के साथ में चल रहे थे । जिनके पास धारदार हथियार भी थे । अन्य साथियों मनोज शर्मा ,सनी जाट ,गोलू राजपूत ,अनोखी जाट, गुडडू सैनी ,हेमंत चौहान ने उनका पीछा भी किया लेकिन तब तक वह भाग चुके थे अब पूरा मामला पुलिस के संज्ञान में है।
थाना प्रभारी दिलीप सिंह चौधरी थाने के स्टाफ की अहम भूमिका रही।
थाना प्रभारी दिलीप सिंह चौधरी थाने के स्टाफ की अहम भूमिका रही।