धार

प्याज बेचने के लिए किसानों को बाजार खुलने का इंतजार

इस वर्ष प्याज का उत्पादन भी हुआ कम परिवहन भी बंद कोई नहीं मिल रहा खरीदने वाला

धारMay 15, 2021 / 07:10 pm

shyam awasthi

प्याज का बंपर उत्पादन होने से किसान उत्साहित हैं। लेकिन लॉकडाउन के कारण व्यापार व परिवहन बंद होने के कारण उन्हें भाव न मिलने की चिंता सताने लगी है।

आशीष यादव
अनारद .देश में लगभग 31 दिनों से जारी लॉकडाउन एवं मंडियों में सभी तरह की जिंसों की खरीदी नहीं हो रही है। किसानों के खेतों में रखा प्याज ,लहसुन सहित अन्य फसल अब सडऩे लगी है। शासन द्वारा मंडियों में मात्र गेहूं खरीदी का निर्णय लिया गया। इससे किसान अपनी दूसरी उपज नहीं बेच पा रहा। लॉकडाउन के चलते कोई अन्य व्यापारी भी खेत या घर पर आकर प्याज की खरीदी नहीं कर रहा है। प्याज सहित कई अन्य जिंसे या तो खेत में रखे रखे खराब हो रही है या पशुओं को ही खिलाई जा रही है। पिछले वर्षों की तुलना में इस वर्ष प्याज का उत्पादन भी कम हुआ। कृषकों द्वारा प्याज की अच्छी क्वालिटी बनाने के लिए कई तरह की कृषि दवाइयों खर्चा भी फसल पर किया गया। किसानों को प्याज की बेहतरीन वैरायटी होने के कारण दाम भी अच्छे खासे मिलने की उम्मीद थी किंतु लाकडाउन के चलते किसानों की उम्मीदें धरी रह गई।
आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है
कोरोना संक्रमण के चलते जारी लॉकडाउन में क्षेत्र के किसानों को भी आर्थिक रूप से नुकसान उठाना पड़ रहा है। बीते साल प्याज के दाम में उछाल को देखते हुए इस वर्ष जिले के किसानों ने हजारों हेक्टेयर में प्याज लगाया था। प्याज का बंपर उत्पादन होने से किसान उत्साहित हैं। लेकिन लॉकडाउन के कारण व्यापार व परिवहन बंद होने के कारण उन्हें भाव न मिलने की चिंता सताने लगी है। प्याज की खेती करने वाले का कहना है कि फसल पक चुकी है। लेकिन लाकडाउन के कारण किसान खेत से फसल नहीं निकाल रहे। जिले के प्याज उत्पादन किसानों को लॉकडाउन खुलने का इंतजार कर रहे है।
प्याज की अधिक खेती की
प्याज उत्पादक किसान जितेंद्र मंडलोई का कहना कि इस साल किसानों के प्याज की अधिक खेती की है। उत्पादन भी अच्छा हुआ है। लेकिन कोरोना के कारण बाजार में छाई मंदी से वे चिंतित है। प्याज उत्पादन किसानों का कहना है कि मंडियों में प्याज की नीलामी शुरू हो। मंडी प्रशासन मंडी में प्याज खरीदी के इंतजाम करे और जिले व प्रदेश में सरकार मंडियों को चालू किया जाए। इससे किसानों को उनकी उपज बेच सके जिसका उचित दाम मिल सके। मंडियों में प्याज खरीदी के लिए पर्याप्त जगह है। मंडी प्रशासन नीलामी की व्यवस्था करे और प्याज खरीदी चालू करें। इससे किसान मंडी आएंगे और उन्हें उपज का सही दाम भी मिलेगा। इससे उनको नुकसानी का सामना नहीं करना पड़े।
किसानों को शासन से ही मदद की उम्मीद
बीते वर्ष प्रकृति की मार से सोयाबीन, गेहूं सहित अन्य जिंसों का माल पैदा नहीं हो पाया और अब भी माल की पैदावार कम हुई है तो लॉकडाउन के कारण माल बिक नहीं रहा है। ऐसी परिस्थिति में किसानों को शासन से ही मदद की उम्मीद है।
नारायण कामदार सकतली

इनका कहना है
शासन का गंभीर बीमारी के चलते लॉकडाउन का निर्णय उचित है किंतु शासन द्वारा कुछ ऐसी व्यवस्था भी की जाना चाहिए जिससे किसानों की उपज नीलाम हो जाए और किसानों की उपज फेंकना नहीं पड़े। मेरे घर व खेत पर लगभग 100 बोरी प्याज कट्टे में भरकर रख रखे हैं। जो खराब होते जा रहे हैं।
रतनलाल यादव अनारद

रखने की जगह नहीं
मंडी व परिवहन बंद खेतों से निकली प्याज की रखने की व्यवस्था नहीं लॉकडाउन देश सभी जगह बाजार बंद है। वहीं मौसम में बदलाव और बूंदाबांदी से किसान को प्याज की फसल में भी नुकसान की चिंता सताने लगी है। अभी मंडी बंद होने से प्याज की नहीं बेच पा रहे है। किसानों में चिंता है कि फसल कब बेचेंगे। मंडी खुलने के आसार भी नहीं दिख रहे है। किसान इस बार भी प्याज की फसल किसानों को रुला रही है। मजदूरों के पैसे देना है और मंडी बंद है, क्या करें किसान कुछ समझ नहीं आ रहा है।
गब्बर लववंशी किसान

प्याज की खेती पर एक नजर
प्याज का रकबा . 4500 हेक्टेयर

उत्पादक किसान . 6000 से अधिक
संभावित पैदावार . 10 लाख एमटी

थोक भाव . 8 से 10 रुपए
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