किसानों को गेहूं की अच्छी पैदावार की उम्मीद
धारPublished: Nov 14, 2019 12:23:09 am
ज्यादा बारिश में फसल खराब होने से मायूस- चार साल से जिन गांव में गेहूं की बोवनी नहीं हुई, वहां इस वर्ष तैयार हैं किसान, पैंतीस फीसदी बढ़ा गेहूं का रकबा, चने से पीछे हट रहे किसान
जिले का किसान रबी की फसल के लिए खेत संवारने में जुट गया है।
अनारद. अमूमन गेहूं फसल से कन्नी काटने वाले किसान इस बार ज्यादा रकबे में गेहूं की बुआई के लिए तैयार हो गया है। गेहूं की ओर टकटकी लगाने वाले किसानों से क्षेत्र में गेहूं की फसल का रकबा बढ़ा है। चार साल से गेहूं की फसल नहीं लगा पाने वाले गांवों में अनारद, सकतली, साभार, बिल्लोदा, खड़ी, उमरिया आदि गांव शामिल हैं। इन सभी गांव के किसान इस बार गेहूं बुआई के लिए पूरी तैयारी कर चुके हैं।
इस बार रबी फसल ने भले ही किसानों को सडक़ पर ला खड़ा कर दिया हो, लेकिन अच्छी बारिश के चलते रबी फसल को लेकर किसान काफी उत्साहित दिख रहे हैं। इस बार हुई झमाझम बारिश से किसानों के चेहरे पर खुशी नजर आ रही है। पिछले हफ्ते से मानसून की विदाई के बाद मालवा निमाड़ में मिश्रित तापमान तो जिले में फिर एक बार पारा चढ़ा है। हालांकि ठंड ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है, लेकिन इससे पहले जिले का किसान रबी की फसल के लिए खेत संवारने में जुट गया है। अमूमन रबी की बुआई 20 से 25 अक्टूबर से शुरू हो जाती है, लेकिन देर तक हुई बरसात के कारण अभी खेतों में नमी है, जिससे नवंबर पहले सप्ताह बाद ही बोवनी शुरू हो सकी है।
मटर और लहसुन से भी उम्मीदें
जिले में कई जगह कुछ किसानों ने मटर व लहसुन लगाकर कार्य शुरू कर दिया है, लेकिन गेहूं, चना व अन्य फसलों की बुआई लगभग पूर्ण हो चुकी है। इस बार पानी होने की वजह से कृषि विभाग ने भी पिछले वर्षों के मुकाबले इस साल रकबा भी 35 हेक्टेयर बढ़ाया है। कृषि विभाग के अनुसार जिले में सबसे अधिक क्षेत्रफल में गेहूं की बोवनी की जाएगी। आंकड़ों पर नजर डालें तो पिछले दो साल की तुलना में इस बार अनाज का रकबा बढ़ा है। वर्ष 17-18 में 1 लाख से 6 8 हजार हेक्टेयर में बोवनी हुई थी, वहीं इस साल मसलन 19-20 में बढक़र गेहूं का रकबा 2 लाख 30 हजार हेक्टेयर तक पहुंच गया है।
इस वर्ष में रबी की बोवनी का लक्ष्य एक गुना से भी अधिक बढ़ गया है, जिससे दहलन का रकबा आधा रह गया है। वर्ष 17-18 में जिले में चने की बुआई 1 लाख 49 हजार हेक्टेयर पर की गई थी, जिसका आंकड़ा 19-20 में घटकर 1 लाख हेक्टयर रह गया है। इधर तिलहनी फसलों में विशेष फर्क नहीं पड़ा। इस वर्ष अच्छी बारिश होने से रबी का रकबा बढ़ा है, जिसमें पिछले साल की तुलना में 35 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
गेहूं का रकबा बढ़ा है
&इस बार गेहंू का रकबा बढ़ा है। बारिश पर्याप्त होने से इस बार गेहंू की बोवनी ज्यादा होगी, वहीं चने का रकबा कम होगा।
-आरएल जामरे, उपसंचालक कृषि विभाग धार