scriptपांच साल पहले सरकार ने कहा था कि केपिटल लेटर में लिखे दवा | Five years ago, the government said that medicines written in capita | Patrika News

पांच साल पहले सरकार ने कहा था कि केपिटल लेटर में लिखे दवा

locationधारPublished: Oct 13, 2019 12:03:52 pm

Submitted by:

atul porwal

नाफरमानी कर रहे डॉक्टर, घुमावदार राइटिंग से नहीं पढ़ पाने पर गलत दवाई मिलने की आशंका में परेशान मरीज, डॉक्टर से संबंधित मेडिकल पर ही जाने की मजबूरी

पांच साल पहले सरकार ने कहा था कि केपिटल लेटर में लिखे दवा

पांच साल पहले सरकार ने कहा था कि केपिटल लेटर में लिखे दवा

पत्रिका पड़ताल
धार.
करीब पांच साल पहले सरकार ने आदेश जारी किया था कि कोई भी डॉक्टर मरीज देखने के बाद दवाई केपिटल लेटर में लिखे। इससे मरीज को वही दवा मिल सके, जो डॉक्टर ने प्रेस्क्राइब की है। अमूमन घुमावदार राइटिंग नहीं पढ़ पाने के कारण मेडिकल वाले गलत दवा दे देते हैं, जिससे मरीज की परेशानी खड़ी हो जाती है। या फिर उन्हें उसी मेडिकल स्टोर पर जाना पड़ता है, जो डॉक्टर के नजदीक है या उनसे संबंधित है।
धार जिले में ना केवल निजी बल्कि सरकारी डॉक्टर भी दवाई का नाम लिखने में केपिटल लेटर इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक धार जिले में निजी अस्पतालों में काम करने वाले और स्वयं का क्लिनिक चलाने वाले करीब 490 डॉक्टर हैं। इसके अलावा सरकारी डॉक्टरों की संख्या भी कम नहीं है। सभी डॉक्टर इस कानून का पालन नहीं कर रहे, जिससे मरीज गफलत में हैं। वहीं कई बार मेडिकल वाले स्वयं डॉक्टर को फोन कर दवाई का नाम पूछते दिख जाते हैं। राइटिंग समझ नहीं आने से यह स्थिति खड़ी हो रही है, जिससे जिम्मेदार अनजान बने बैठे हैं।
नियम का उल्लंघन नहीं करना चाहिए
जब नियम में है कि मरीज की जांच करने के बाद पे्रस्क्रीप्शन लेटर पर केपिटल लेटर में दवा लिखी जाना वाहिए तो इसका पालन करना चाहिए। आज ही आदेश और चेतावनी जारी कर देता हूं।
-डॉ. एसके सरल, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो