शनि मंदिर स्थित बावड़ी कचरे एवं पूजा पाठ की सामग्री से पटी बावड़ी अपनी व्यथा सुना रही थी।इतनी तेज गर्मी में भी पानी की आंव चारो तरफ से निरंतर आना जारी थी। वर्षो पुरानी गंदगी की दुर्गंध से बावड़ी के पास भी खड़ा रहना मुश्किल हो रहा था । इतने वर्षो में आज तक कोई बावड़ी में उतरने का प्रयास नहीं कर पाया । लोगों की पर्यावरण के प्रति जि़द और जुनून के आगे 2 घंटे तक सतत बावड़ी सफाई का कार्य जारी रहा और चंद घंटों में 3 ट्राली कचरा बावड़ी के अंदर से निकाल दिया गया।
आनंदेश्वर स्थित बावड़ी शहर के मध्य स्थित यह बावड़ी का सफाई अभियान अनुकरणीय रहा । सफाई के साथ बावड़ी में जमा गाद को भी लोगों ने बाहर निकाल फेका। बावड़ी में जमा 5 फीट गाद को गेती और पावड़े से मानव शृंखला का निर्माण कर बावड़ी से बाहर किया।सफाई का स्तर इस तरह का था की सफाई के पश्चात बावड़ी का तलवा तक दिखाई देने लग गया।अब बारिश में लबा लब भर जाएगी बावड़ी।
झिरनिया स्थित बावड़ी बावड़ी के जीर्णोद्धार का सबसे अच्छा उदाहरण यहां पेश किया गया। जहां पिछले सप्ताह इस बावड़ी की साफ सफाई की गई एवं मोटर द्वारा गंदे पानी को बावड़ी से बाहर किया गया। इस सप्ताह ललित अजमेरिया, धीरज नागर एवं जयराज देवड़ा द्वारा स्वयं के खर्च पर छह घंटे सतत मोटर चलाकर दोबारा बावड़ी को भरा गया। बावड़ी का स्वरूप अपने पूर्ण सौंदर्य का प्राप्त कर चुका है।
बावड़ी की सफाई अभियान में इनका सहयोग रहा
मधुकर बस्ती, गुरु गोविंदसिंह बस्ती, पर्यावरण संरक्षण गतिविधि, आओ सहजे धरा , सेवा भारती, भारत विकास परिषद, जन अभियान परिषद, भू माई फाउंडेशन ,संस्कार भारती ,नगर पालिका परिषद, लायंस क्लब,रोटरी क्लब, 60 प्लस लाल बाग गु्रप, कैट, अग्रवाल समाज, फूल माली समाज , झिरनिया अखाड़ा, रामी माली समाज, माली समाज, आदिवासी समाज, मराठा समाज, जैन समाज, नीमा समाज, माहेश्वरी समाज का सहयोग रहा। जानकारी पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के राहुल अग्रवाल एवं जसप्रीतसिंह सलूजा ने दी।
बावड़ी की सफाई अभियान में इनका सहयोग रहा
मधुकर बस्ती, गुरु गोविंदसिंह बस्ती, पर्यावरण संरक्षण गतिविधि, आओ सहजे धरा , सेवा भारती, भारत विकास परिषद, जन अभियान परिषद, भू माई फाउंडेशन ,संस्कार भारती ,नगर पालिका परिषद, लायंस क्लब,रोटरी क्लब, 60 प्लस लाल बाग गु्रप, कैट, अग्रवाल समाज, फूल माली समाज , झिरनिया अखाड़ा, रामी माली समाज, माली समाज, आदिवासी समाज, मराठा समाज, जैन समाज, नीमा समाज, माहेश्वरी समाज का सहयोग रहा। जानकारी पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के राहुल अग्रवाल एवं जसप्रीतसिंह सलूजा ने दी।