दो साल से जीआईएस पोर्टल पर डेटा अपडेट करने के लिए कवायद की जा रही है। पहले पटवारी खुद ही पावती पर रिकार्ड लिखते थे। लेकिन वर्तमान में जीआईएस पोर्टल पर जानकारी अपडेट होने के बाद से किसानों के लिए परेशानी खड़ी हो गई है। कई स्तर पर सुधार के बाद भी अब तक दिक्कतें बनी हुई है। सबसे ज्यादा परेशानी तिरला विकासखंड में है। तिरला विकासखंड के ७ किसानों की जमीन पोर्टल से गायब है।
केस 1 : - सरदारपुर तहसील के ग्राम फूलगांवड़ी के किसान रितेश पाटीदार का भी रकबा जीआईसी पोर्टल से गायब है। इस कारण पाटीदार दो साल से तहसील के चक्कर लगा रहे है। लेकिन इसके बाद भी समस्या का निराकरण नहीं हो पाया है। कई जगहों पर शिकायत के बाद भी परेशानी बनी हुई है। पाटीदार दो साल से अपनी जमीन पोर्टल पर दर्ज करवाने के लिए मशक्कत कर रहे है।
केस 2 : - धार तहसील के ग्राम जैतपुरा में पुनीत शिवले की भी जमीन पोर्टल पर दर्ज नहीं है। शिवले की 5 बीघा जमीन ग्राम जैतपुरा में है। लेकिन पोर्टल पर दर्ज नहीं होने के कारण सरकारी योजनाओं से लाभ से वंचित है। न तो खाद मिल रहा है और न ही बीज। प्राइवेट सेक्टर से सारा सामान जुटाना पड़ रहा है।
इनका कहना - पुराने प्रकरणों में रिपोर्ट बनाकर तहसीलदार के माध्यम से भिजवाई गई है। कुछ प्रकरण पोर्टल पर आ गए है। जबकि कुछ में प्रक्रिया जारी है। चुनावी व्यस्तता के कारण कुछ देरी जरूर हुई है।
आरएल धाकड़, एसएलआर, धार
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