खुद के अलावा दूसरों को दे रहे है रोजगार, नगर पालिका भी प्रचार कराते हुए दे रही रुपए
VIDEO हम किसी से कम नहीं.. है सरकार ने दी दिव्यांग मोटरसाइकिल बनी कमाई का जरिया
ग्राउंड रिपोर्ट धार.अमित मंडलोई दिव्यांग मोटरसाइकिल पाने के बाद आत्मनिर्भर बने है। ये लोग खुद के अलावा अब दूसरों को भी रोजगार दे रहे है। जिलेभर में 13 इलेक्ट्रानिक वाहन दिव्यांगों को दिए थे। जिससे से कहीं भी आना-जाना आसानी से कर पाए।
नगर के दो दिव्यांगों ने इसे रोजगार का साधन बना लिया है। मोटरसाइकिल के पीछे एक छोटा शेड बनाया है। इस शेड पर निजी दुकानों के विज्ञापन लगाए गए है। साथ ही माइक के माध्यम से प्रचार भी करते है। मार्केटिंग भी खुद करता है प्रभु नौगांव में रहने वाला चिंटू भाटी और शैलेंद्र यादव को भी दिव्यांग मोटरसाइकिल है। चिंटू ने इसे ही रोजगार का साधन बना लिया है। चिंटू ने बताया वह पैर से चल नहीं पाता है जिसके चलते वह दूसरा रोजगार कर नहीं पा रहा था। उसने गाडी को ही कमाई का जरिया बना लिया है। चिंटू ने बताया वह दुकानों पर जाकर संपर्क करते और विज्ञापन लेते है। व्यापारी भी इनका सहयोग कर रहे है। चिंटू ने बताया कि दिनभर प्रचार करने के लिए 300 रुपए आसानी से मिल जाती है।
दोस्त को भी दिलाया काम चिंटू ने प्रचार वाहन बनाकर कमाना शुरू किया। कमाई के बाद उन्होंने अपना वाहन दोस्त को सौंपकर उसे भी प्रचार वाहन बना दिया। चिंटू ने अब खुद नया वाहन खरीद लिया है। नगर में तीन दिव्यांग वाहन से प्रचार करके आत्मनिर्भर बन गए है।
पहला काम नपा ने सौंपा नगर पालिका सीएमओ निशिकांत शुक्ला ने बताया मोटरसाइकिल पाने के बाद ये लोग आत्मनिर्भर बने है। जिलेभर में 13 दिव्यांगों को मोटरसाइकिलें पंचायत समाज कल्याण और एलिंको कंपनी ने दी है। शुक्ला बताया कि पहला काम नगर पालिका ने दिया था। लाडली बहना योजना के दौरान इन्हें से प्रचार कराया था। जिसका भुगतान इन्हें 400 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से दिया।