घोषणा के 2 वर्ष बाद भी नहीं खुला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र
धारPublished: Jul 13, 2018 11:44:38 pm
जनप्रतिनिधियों, क्षेत्रवासियों ने उठाई थी मांग
कोद. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोलने की मांग को लेकर के २८ फरवरी २०१६ को कोटेश्वर आगमन पर क्षेत्रवासियों ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोलने की मांग को लेकर के ज्ञापन सौंपा था। मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया था लेकिन प्रभारी मंत्री की घोषणा मात्र घोषणा ही रह गई, लेकिन आज तक पूरी नहीं हो पाई।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोलने की मांग पिछले कई वर्षों से की जा रही है, लेकिन मांग अभी तक पूरी नहीं हो पाई। इससे क्षेत्र की १० हजार से ज्यादा आबादी स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित हैं। नगर में एकमात्र आयुर्वेदिक औषधालय है। वहां पर भी कुछ सुविधा नजर नहीं आ रही है। गरीब तबके के व्यक्ति को स्वास्थ्य सुविधाएं सही समय पर नहीं मिल पाती है। क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों, क्षेत्रवासियों एवं पंचायत द्वारा समय-समय पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोलने की मांग की जा चुकी है। लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हो पाई। आयुर्वेदिक औषधालय तो समय पर दवाई उपलब्ध हो पाती है ना ही आकस्मिक चिकित्सा सुविधा नहीं होने के कारण लोगों की फर्जीहत हो जाती है। दुर्घटना में घायल लोगों बदनावर या फिर धार ले जाना पड़ता है। अधिकांश सामान्य मरीजों को निजी चिकित्सकों के पास उपचार करवाना पड़ता है। बीपीएल कार्डधारियों को शासन की योजना का लाभ नहीं मिल पाता हैं। इससे कोद सहित भूलगारी, कोटेश्वर, जलोद, खेता, केसरपुरा, रतनपुरा, गाजना, नागझिरी आदि गांव के ग्रामीण स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित है। ग्रामीणों ने मांग की है कि यदि शीघ्र ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नहीं खोला जाता है तो क्षेत्रवासियों को जन आंदोलन करना पड़ेगा, जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की रहेगी।
मुख्यमंत्री से ग्रामीणों ने लगाई थी गुहार
२८ फरवरी २०१६ को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रसिद्ध तीर्थ एवं धार्मिक स्थल कोटेश्वर आगमन तथा इससे पूर्व २९ अक्टूबर २०१५ को तत्कालीन प्रभारी मंत्री नरोत्तम मिश्रा के बदनावर आने पर प्राथमिक स्वास्थ्य खोलने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा था। मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया था, लेकिन वह मात्रा घोषणा बनकर ही रह गई। उस पर कोई अमल नहीं हो पाया अब जबकि मुख्यमंत्री जन आशीर्वाद यात्रा के साथ १५ जुलाई को क्षेत्र में आ रहे हैं तो लोगों में उम्मीद है कि वह इस बार घोषणा करेंगे। मुख्यमंत्री को इस समस्या से अवगत कराने की तैयारी की जा रही है। विधायक भंवर सिंह शेखावत को इस बारे में पत्र सौंपा गया था।
40 साल पुराना है भवन
आयुर्वेदिक औषधालय भवन ४० साल पुराना है। भवन का निर्माण १९७८ में किया गया था जो ४० वर्षों पुराना होकर काफी जर्जर हो चुका है। दीवारों में जगह-जगह से दरारें पड़ रही है। छत पर लगी सीमेंट की चद्दर काफी जर्जर हो गई। बारिश के दौरान औषधालय में पानी भर जाता है। शुरुआती दौर में लाए गए पलंग का अब नामोनिशान भी नहीं बचा है। गादी बिस्तर की बात तो बेमानी है। ना तो विद्युत व्यवस्था है और ना ही शौचालय भवन। समय रहते इसकी मरम्मत नहीं की जाती है या इसे गिराया नहीं जाता है तो कभी जन हानि हो सकती है।