पर्ची तो बनती है रोग में लिख देते हैं कुछ और
डॉक्टर को दिखाने से पहले मरीज को रोगी कल्याण समिति की पर्ची बनवाना पड़ती है। इसके लिए 10 रुपए शुल्क है। पर्ची बनाने से पहले काउंटर पर बैठा व्यक्ति बीमारी का नाम पूछता है, लेकिन अस्पताल में ईएनटी नहीं होने के कारण बीमारी का नाम बदलकर पर्ची बना दी जाती है। पर्ची बनाने वालों का कहना है कि मरीज को भटकना ना पड़े इसलिए पर्ची बनाकर डॉक्टर के पास भेज देते हैं। हो सकता है उनका ईलाज हो जाए और वे परेशानी से बच जाएं।
डॉक्टर को दिखाने से पहले मरीज को रोगी कल्याण समिति की पर्ची बनवाना पड़ती है। इसके लिए 10 रुपए शुल्क है। पर्ची बनाने से पहले काउंटर पर बैठा व्यक्ति बीमारी का नाम पूछता है, लेकिन अस्पताल में ईएनटी नहीं होने के कारण बीमारी का नाम बदलकर पर्ची बना दी जाती है। पर्ची बनाने वालों का कहना है कि मरीज को भटकना ना पड़े इसलिए पर्ची बनाकर डॉक्टर के पास भेज देते हैं। हो सकता है उनका ईलाज हो जाए और वे परेशानी से बच जाएं।