धार

फोन लगाओ तो उठाता नहीं, मैसेज का जवाब आता नहीं

जिला अस्पताल के एक मात्र इलेक्ट्रीशियन से परेशान सिविल सर्जन ने कलेक्टर को सौंपा पत्र

धारAug 25, 2019 / 12:51 pm

atul porwal

फोन लगाओ तो उठाता नहीं, मैसेज का जवाब आता नहीं

धार.
बरसों जिला अस्पताल में जमे एक मात्र इलेक्ट्रीशियन की इतनी दबेलदारी कि वह ना तो फोन उठाता है और ना ही समय पर अस्पताल में मिलता है। हर बार उसका एक ही बहाना होता है कि बीमार होने से घर पर आराम कर रहा था। शनिवार को भी बार-बार फान लगाने पर संपर्क नहीं हुआ तो सिविल सर्जन डॉ. एमके बौरासी ने किसी को उसके घर भेजकर बुलवाया। डॉ. बौरासी का कहना है कि उसे फोन लगाओ तो उठाता नहीं और मैसेज करो तो जवाब नहीं आता है। अस्पताल पहुंचे इलेक्ट्रीशियन एजाज खान से जब सिविल सर्जन ने वाल किए तो वह उखडक़र कहने लगा कि अब उमर हो गई काम नहीं होता, रिटायर कर दो। इस पर सिविल सर्जन ने उसके खिलाफ पत्र बनाकर कलेक्टर को भेज दिया।
किसी को कुछ हो जाए तो जवाब कौन देगा
सिविल सर्जन डॉ. बौरासी का कहना है कि जिला अस्पताल में एक मात्र इलेक्ट्रीशियन है और वह भी समय पर उपलब्ध नहीं होता। यदि ऑपरेशन के समय या किसी इमरजेंसी में लाइट बंद हो जाए और मरीज की जान चली जाए तो जवाब कौन देगा। इसकी लापरवाही दिन ब दिन बढ़ती जा रही है, जिसे बर्दाश्त करना मुनासिब नहीं और जब उसने कह दिया कि रिटायर कर दो तो कलेक्टर को पत्र भेज दिया है।
दूसरे को बर्दाश्त कर रहे डॉक्टर
इलेक्ट्रीशियन के अलावा जिला अस्पताल में एक और कर्मचारी है, जिसकी लापरवाही बढ़ती जा रही है। ड्रेसर की पोस्ट पर कई मलाईदार काम संभालने वाले मलखान का भी अस्पताल आने जाने का समय तय नहीं है। वह आता भी उसकी मर्जी से है और कब कहां मिलेगा यह केवल सिविल सर्जन को ही पता रहता है। हाल ही में मलखान का तबादला हो गया था, लेकिन सिविल सर्जन ने उसे रिलीव करने के बजाया इतना समय दिया कि वह जुगाड़ लगाकर तबादला ही निरस्त करवा लाया। मलखान की लापरवाही पर कार्रवाई नहीं अस्पताल में चर्चा का विषय बना हुआ है।

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