इस संबंध में पूर्व में भी आवेदन विभागों को देकर अवगत करवाया था। उक्त अवैध कारोबार को रोकने की कार्रवाई की जाए लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। प्रतिबंधित क्षेत्र में किए जा रहे रेत के अवैध उत्खनन करने वाले रेत माफियाओं द्वारा खुलेआम रात दिन अवैध रेत खनन का कार्य जारी है। गोपालपुरा, गांगली, पेरखड़, उरदना, बड़ा बड़दा, रतवा, दगड़पुरा, गोगांवा आदि हैं। इन दिनों मनावर के ग्राम उरदना मे नर्मदा का पानी कम होने के कारण किनारे खुले हो गए हैं। जहां पर व्यापक रूप से अवैध रेत का उत्खनन कार्य किया जा रहा है। अवैध रेत खनन कर्ताओं पर धारा 379 के तहत प्रकरण दर्ज कर अवैध रेत खनन में लगे वाहनों को राजसात करने की कार्यवाही की जाए। पत्रिका में अवैध रेत उत्खनन की खबरें प्रकाशित करने के बावजूद शासन प्रशासन एवं खनिज विभाग के द्वारा मामले को संज्ञान में नहीं लेना रेत माफियाओं से बड़ी सांठगांठ उजागर करता है ।
22 जून को ग्राम उरदना में 5 पटवारी एवं राजस्व निरीक्षक के दल द्वारा अवैध रूप से संग्रहित की गई रेत माफियाओं के ठिकानों के रेती के ढेरों का पंचनामा बनाकर जब्ती की गई। इसी दौरान एक रेत माफिया के तीन ट्रैक्टर वाहन भरे मिले थे, लेकिन राजस्व विभाग के दल ने कार्यवाही नहीं करते हुए वाहनों को जब्त नहीं किया। वही गांव के ही रेत माफिया हुकुम पिता सुरज ङ्क्षसह सोलंकी, लखन पिता कमल सोलंकी विनोद पिता ,लक्ष्मण सोनेर के सुपुर्द ट्रैक्टर छोड़ कर आ गए। आने के बाद उक्त रेत माफिया ने ट्रैक्टरों में भरी रेत को बल पूर्वक ग्रामीण क्षेत्रों में ले जाकर बेच दी। रेत माफियाओं के विरुद्ध कार्यवाही नहीं करना पटवारियों एवं राजस्व निरीक्षक के द्वारा सांठगांठ करने का खुला संदेह हो रहा है। इस समूचे मामले की जांच करके अवैध रूप से हो रहे रेत के उत्खनन को रोकने की कार्यवाही की जाए। नर्मदा बचाओ आंदोलन जिला प्रशासन एवं तहसील प्रशासन मनावर के विरुद्ध उच्च न्यायालय में न्यायालय के आदेश की अवहेलना को लेकर याचिका दायर करेगा।