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सिर्फ आइटीआई क्षेत्र में कुछ दुकानें हटाने के बाद सिमट गया ऑपरेशन क्लीन

locationधारPublished: Jan 19, 2020 12:19:10 am

Submitted by:

binod singh

बड़े अतिक्रमणकारियों पर कार्रवाई नहीं

सिर्फ आइटीआई क्षेत्र में कुछ दुकानें हटाने के बाद सिमट गया ऑपरेशन क्लीन

सिर्फ आइटीआई क्षेत्र में कुछ दुकानें हटाने के बाद सिमट गया ऑपरेशन क्लीन

धामनोद. नगर एवं आसपास समाजकंटक के हौसले बुलंद हैं, क्योंकि कार्रवाई तो उन पर हुई जो रोड पर दुकानें लगाकर अपनी रोजी-रोटी चलाते थे। धामनोद में इन नाममात्र के कब्जेधारियों को समाजकंटक बता कर कार्रवाई करने के बाद प्रशासन ने अब चुप्पी साध ली है। हालाकि जिस आईटीआई परीक्षेत्र में कार्रवाई हुई वहां सिर्फ रोड पर गुमटी एवं अस्थाई दुकानें लगाकर व्यवसाय चलाने वाले लोग थे, लेकिन अभी तक किसी बड़े समाजकंटक का भूखंड नहीं धराशायी हुआ। इससे यह साफ प्रतीत होता है कि प्रशासन के द्वारा कार्रवाई वहीं की जा रही है जहां खामोशी एवं लाचारी होती है। बड़े दमदार लोगों पर कार्रवाई करने के लिए प्रशासन मौन है, क्योंकि रसूखदार और राजनीति के चलते बड़े लोगों पर हाथ डालने में ऑपरेशन क्लीन के जिम्मेदार घबरा रहे हैं। नगर एवं आसपास में ऐसी कई शासकीय जमीन है। जहां पर समाजकंटक ने अपना जाल फैला रखा है, लेकिन प्रशासन की बंद आंखें इनको देख नहीं पा रही है या देखने के बाद भी चुप्पी साध ली गई है। कई लोग ऐसे हैं, जिन्होंने शासकीय जमीन पर बड़े-बड़े मकान बना लिए हैं तो कई ने लंबी जमीन पर तार फेंसिंग लगाकर कब्जा कर लिया, लेकिन जवाबदार प्रशासन इन पर कार्रवाई करने से अब
घबरा रहा है।
शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं
जब अधिकारियों को समाजकंटक के बारे में अवगत कराया गया तो वह कहने लगे कि आप शिकायत करो, जगह बताओ, जब शिकायत एवं स्थान बताया तो उसके बाद भी किसी प्रकार की कार्रवाई को अंजाम नहीं दिया गया। अब साफ-साफ प्रतीत होता है कि उच्चस्तरीय राजनीतिक दबाव के चलते समाजकंटक पर प्रशासन हाथ नहीं डालना चाह रहा है। विगत दिवस आईटीआई परिक्षेत्र में जहां पर कार्रवाई की गई थी वह सिर्फ नाममात्र के समाजकंटक थे। वह अपनी रोजी-रोटी चलाने के लिए रोड पर बैठकर अपने परिवार का भरण पोषण करते थे। अब वहां पर स्थिति यह हो गई कि खुले आसमान के नीचे चाय पोहे बनाकर अपना गुजर-बसर कर रहे हैं। जिन गरीबों की दुकानों को वीरान किया गया। उन दुकान संचालकों ने बताया कि प्रशासन की बंद आंखे सिर्फ हम तक ही पहुंच पाई, क्योंकि बड़े समाजकंटक के ऊपर कार्रवाई नहीं करना यह प्रशासन की लाचारी है।

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