अस्पताल संचालक कृष्णा पाटीदार का कहना है कि बेटी भी मां का स्वरुप होती है और उसके जन्म को प्रोत्साहन देने के लिए उन्होंने ये निर्णय लिया है। वैसे तो इस हॉस्पिटल में कई बच्चे पैदा होते है। लेकिन धरमपुरी की रहने वाली रैना ने जैसे ही इस बच्ची को अस्पताल में जन्म दिया। पूरे हॉस्पिटल में खुशियां बिखर गईं। अस्पताल का स्टॉफ रैना और उसकी नवजात बच्ची की सेवा में जुट गया और मां-बेटी का सम्मान भी किया गया। हॉस्पिटल के इस कदम की रैना ने भी दिल खोलकर प्रशंसा की है।
कन्या जन्म को प्रोत्साहन
अस्पताल की प्रबंधक कृष्णा पाटीदार ने बताया कि नवरात्र में हॉस्पिटल में जो भी कन्या जन्म लेगी उसका खर्चा अस्पताल वहन करेगा। संचालकों का मानना है कि कन्या जन्म को प्रोत्साहन एवं कन्या भी मां का स्वरूप होती है उसके जन्म के स्वागत के लिए यह भी भक्ति का ही एक धार्मिक तरीका है।
अस्पताल की प्रबंधक कृष्णा पाटीदार ने बताया कि नवरात्र में हॉस्पिटल में जो भी कन्या जन्म लेगी उसका खर्चा अस्पताल वहन करेगा। संचालकों का मानना है कि कन्या जन्म को प्रोत्साहन एवं कन्या भी मां का स्वरूप होती है उसके जन्म के स्वागत के लिए यह भी भक्ति का ही एक धार्मिक तरीका है।
जिस दुनिया में आज भी कहीं न कहीं न कहीं बेटे और बेटियों में अंतर किया जाता है। बेटियों को जन्म से पहले ही मारने की कोशिश की जाती है वहां पाटीदार हॉस्पिटल ने जिस तरह की पहल की है वो तारीफ के काबिल है। पाटीदार हॉस्पिटल अपनी इस पहल के जरिए देवी मां की सच्ची उपासना तो कर ही रहा है साथ ही ये भी संदेश दे रहा है कि बेटियां मां का स्वरुप हैं।