scriptकरोड़ों की लागत से बन रहे बैराज में मिट्टी वाली अमानक रेत का हो रहा उपयोग | Non-standard clay sand is being used in the barrage being built at a | Patrika News

करोड़ों की लागत से बन रहे बैराज में मिट्टी वाली अमानक रेत का हो रहा उपयोग

locationधारPublished: May 27, 2022 06:01:07 pm

Submitted by:

harinath dwivedi

अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान, ठेकेदार की मनमानी की ग्रामीणों ने की शिकायत

करोड़ों की लागत से बन रहे बैराज में मिट्टी वाली अमानक रेत का हो रहा उपयोग

करोड़ों की लागत से बन रहे बैराज में मिट्टी वाली अमानक रेत का हो रहा उपयोग

सादलपुर. जुहावदा में ङ्क्षसचाई विभाग द्वारा 2 करोड़ से अधिक की लागत से बागेडी नदी पर बेराज का निर्माण किया जा रहा है । क्षेत्र के किसानों को ङ्क्षसचाई के लिए पर्याप्त पानी मिल सके।
अधिकारियों व इंजीनियर की बेपरवाह रवैये के चलते यह कार्य अनियमितताओं की भेंट चढ़ता नजर आ रहा है। दरअसल जिस जगह बेराज का निर्माण कार्य चल रहा है वो जंगल का सुनसान इलाका है । जहां ज्यादातर किसानों के अलावा कोई आता जाता नहीं है । इसी का फायदा उठाते हुए यहां ठेकेदार अमानक व घटिया मटेरियल का उपयोग कर रहा है । जिससे बेराज की गुणवत्ता पर प्रश्नचिन्ह खड़े हो रहे है।
मिटटी वाली रेत लगा दी: ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार कई टन घटिया मिट्टी वाली रेत बेराज के बेस में लगा दी गई है । ग्रामीणों ने कई बार ठेकेदार से घटिया रेत बदलने के लिए कहा लेकिन इन्हें साईड पर से चलता कर दिया जाता है। जिसके बाद ग्रामीणों ने घटिया निर्माण की जानकारी पत्रिका को दी गई । पत्रिका टीम जब मौके पर पहुंची तो उन्हे बड़ी मात्रा में मिट्टी वाली रेत स्टॉक की हुई पाई गई। पत्रिका द्वारा जब रेत की गुणवत्ता देखने के लिए उसे पानी में घुलवाया गया तो रेत से ज्यादा उसमे से मिट्टी का कीचड़ निकला जिसके बाद यह तो स्पष्ट हो गया की बेराज निर्माण में घटिया मटेरियल उपयोग किया जा रहा है।
रेत की जगह स्टोन क्रस्ट की जगह मिट्टी वाली रेत लगा रहे
अधिकारियों द्वारा ठेकदार को रेत की जगह स्टोन क्रस्ट का उपयोग करने को कहा गया है। यहां विभागीय इंजीनियर की गैर मौजूदगी में घटिया मटेरियल का उपयोग हो रहा है जो बेराज की गुणवत्ता को तो प्रभावित करेगा ही साथ ही सरकार के करोड़ों रुपए भी पानी में बह जाने का डर है। बेराज से करीब 9 सौ बीघा जमीन को ङ्क्षसचित करने का लक्ष्य है ।
मौके पर इंजीनियर मजदूरों के भरोसे सारा काम
करोड़ों की लागत से बन रहे इस बेराज का काम मजदूरों के भरोसे ही चल रहा है । इतने बड़े कार्य में कोई भी तकनीकी इंजीनियर मौके पर मौजूद नहीं रहते है जिसका फायदा ठेकेदार उठा रहा है । पत्रिका रिपोर्टर जब मौके पर पहुंचे तो वहां इंजीनियर उपस्थित नहीं थे साईड पर मौजूद सुपरवाइजर से पूछने पर पता चला इंजीनियर 2 से 4 दिन में एकाध बार आ जाते है बाकी मजदूरों के भरोसे ही कार्य होता है।
&ठेकेदार को रेत की जगह स्टोन क्रस्ट लगाने को कहा गया है फिर भी अगर मिट्टी वाली रेत का उपयोग कर रहे है तो इंजीनियर को भेज कर दिखवा लेते है। अगर घटिया रेत पाई जाती है तो निर्माण किए गए बेस को तुड़वा कर फिर से बनवाएंगे।
मयंक सिंह, एसडीओ, सिंचाई विभाग बदनावर
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