तीस से चालिस लायसेंस रोज
आरटीओ कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक प्रतिदिन 30 से 40 स्थाई(पक्के)लायसेंस बनते हैं। जबकि इन दिनों 100 से 125 लर्निंग लायसेंस बनाए जा रहे हैं। लर्निंग के बाद जब पक्का लायसेंस बनता है तब ट्रायल की जरूरत लगती है। बावजूद इसके लायसेंस की फाइलें बाबू से लेकर आरटीओ तक पहुंचती है और अफसर के दस्तखत होते ही लायसेंस बन जाता है।
आरटीओ कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक प्रतिदिन 30 से 40 स्थाई(पक्के)लायसेंस बनते हैं। जबकि इन दिनों 100 से 125 लर्निंग लायसेंस बनाए जा रहे हैं। लर्निंग के बाद जब पक्का लायसेंस बनता है तब ट्रायल की जरूरत लगती है। बावजूद इसके लायसेंस की फाइलें बाबू से लेकर आरटीओ तक पहुंचती है और अफसर के दस्तखत होते ही लायसेंस बन जाता है।
खस्ता हो गया कंप्यूटर केबिन
ट्रायल ट्रेक के पास कंप्यूटराइज्ड लायसेंस प्रक्रिया के लिए केबिन भी बनाया गया था, लेकिन अब तक इसमें कंप्यूटर नहीं लग पाया। इस केबिन में यहां का चौकीदार निवास कर रहा है। जबकि केबिन की हालत भी खस्ता होती जा रही है। हालांकि चौकीदार भी कभी यहां रात नहीं रूकता, लेकिन उसके कपड़े आदि यहां रखे हुए हैं, जिससे उसके ठहरने का प्रमाण साबित किया जा सके।
ट्रायल ट्रेक के पास कंप्यूटराइज्ड लायसेंस प्रक्रिया के लिए केबिन भी बनाया गया था, लेकिन अब तक इसमें कंप्यूटर नहीं लग पाया। इस केबिन में यहां का चौकीदार निवास कर रहा है। जबकि केबिन की हालत भी खस्ता होती जा रही है। हालांकि चौकीदार भी कभी यहां रात नहीं रूकता, लेकिन उसके कपड़े आदि यहां रखे हुए हैं, जिससे उसके ठहरने का प्रमाण साबित किया जा सके।
कागजी कार्रवाई में भी लापरवाही
कार्यालयीन सूत्र बता रहे हैं कि लायसेंस बनाने के लिए जरूरी कागजों में भी तिकड़मबाजी चल रही है। सभी दस्तावेज पूरे हों तो तयशुदा रसीद के अलावा निर्धारित की हुई उपरी रकम काफी है। दस्तावेज की कमी पर उपर की रकम बढ़ाकर खाना पूर्ति की जा रही है। सूत्र बता रहे हैं कि सब कुछ आरटीओ की जानकारी में हो रहा है, जिसके लिए उनका कोई नजदीकी तैनात रहता है। लेनदेन का पूरा काम वही देखता है, जो आरटीओ कक्ष के पास बने हाल में बैठता है।
कार्यालयीन सूत्र बता रहे हैं कि लायसेंस बनाने के लिए जरूरी कागजों में भी तिकड़मबाजी चल रही है। सभी दस्तावेज पूरे हों तो तयशुदा रसीद के अलावा निर्धारित की हुई उपरी रकम काफी है। दस्तावेज की कमी पर उपर की रकम बढ़ाकर खाना पूर्ति की जा रही है। सूत्र बता रहे हैं कि सब कुछ आरटीओ की जानकारी में हो रहा है, जिसके लिए उनका कोई नजदीकी तैनात रहता है। लेनदेन का पूरा काम वही देखता है, जो आरटीओ कक्ष के पास बने हाल में बैठता है।
ट्रायल तो हो रही है
ट्रेक बना ही लायसेंस के पूर्व ट्रायल के लिए है। इस पर ट्रायल के बाद पास होने पर ही लायसेंस बनता है। यह गलत है कि ट्रायल नहीं हो रही, रोज ट्रायल हो रही है। बगैर पूरे दस्तावेज के काई काम नहीं हो रहा और यह भी गलत है कि कोई कागजों में सांठगांठ करता है।
-विक्रमसिंह कंग, आरटीओ
ट्रेक बना ही लायसेंस के पूर्व ट्रायल के लिए है। इस पर ट्रायल के बाद पास होने पर ही लायसेंस बनता है। यह गलत है कि ट्रायल नहीं हो रही, रोज ट्रायल हो रही है। बगैर पूरे दस्तावेज के काई काम नहीं हो रहा और यह भी गलत है कि कोई कागजों में सांठगांठ करता है।
-विक्रमसिंह कंग, आरटीओ