इन्होंने किया नीलामी में लेने का दावा
जैतपुरा पटवारी महेंद्र एस्के ने बताया कि दुकानदारों का कहना है कि रोडवेज डिपो के आइएएस लेवल के अधिकारी ने उन्हें दुकानें नीलामी में दी। बावजूद इसके एसडीएम द्वारा कागज मांगे जाने पर ेउपलब्ध नहीं करवा पा रहे हैं। दुकानों पर दावेदारी जताने वालों में निसार मोहम्मद पिता इब्राहिम, जुल्फिकार एहमद पिता निसार तथा मो. सादिक पिता रफीक खान हैं।
जैतपुरा पटवारी महेंद्र एस्के ने बताया कि दुकानदारों का कहना है कि रोडवेज डिपो के आइएएस लेवल के अधिकारी ने उन्हें दुकानें नीलामी में दी। बावजूद इसके एसडीएम द्वारा कागज मांगे जाने पर ेउपलब्ध नहीं करवा पा रहे हैं। दुकानों पर दावेदारी जताने वालों में निसार मोहम्मद पिता इब्राहिम, जुल्फिकार एहमद पिता निसार तथा मो. सादिक पिता रफीक खान हैं।
ये बोले एसडीएम
एसडीएम ्र कटारे का कहना है कि शासन का राजस्व नहीं भरने के कारण रोडवेज की सभी संपत्तियां शासन के अधीन हो चुकी है। इन पर अब रोडवेज को कोई हक नहीं है। इसके बावजूद यदि किसी अधिकारी ने इनकी नीलामी की तो वह कैसे और कहां? इसका जवाब नीलामी में दुकान लेने वालों को देना होगा। पहले इन्हें सोमवार तक कार्यालय में उपस्थित होकर डीपो से मिले कागज लाने का समय दिया गया था। इसके बाद ही गुरुवार को दुकानों पर ताले लगाने पड़े। गुरुवार को की गई कार्रवाई के दौरान एक दुकानदार ने नेतागिरी झाडऩे का प्रयास किया, लेकिन एसडीएम ने उसे वैसा ही जवाब दिया, जिसके बाद वह चुप हो गया। इस दौरान रेवेन्यू इंस्पेक्टर सरदारसिंह मंडलोई भी मौजूद रहे।
एसडीएम ्र कटारे का कहना है कि शासन का राजस्व नहीं भरने के कारण रोडवेज की सभी संपत्तियां शासन के अधीन हो चुकी है। इन पर अब रोडवेज को कोई हक नहीं है। इसके बावजूद यदि किसी अधिकारी ने इनकी नीलामी की तो वह कैसे और कहां? इसका जवाब नीलामी में दुकान लेने वालों को देना होगा। पहले इन्हें सोमवार तक कार्यालय में उपस्थित होकर डीपो से मिले कागज लाने का समय दिया गया था। इसके बाद ही गुरुवार को दुकानों पर ताले लगाने पड़े। गुरुवार को की गई कार्रवाई के दौरान एक दुकानदार ने नेतागिरी झाडऩे का प्रयास किया, लेकिन एसडीएम ने उसे वैसा ही जवाब दिया, जिसके बाद वह चुप हो गया। इस दौरान रेवेन्यू इंस्पेक्टर सरदारसिंह मंडलोई भी मौजूद रहे।
ये भी है गणित
सडक़ पर दौडऩे वाली रोडवेज बसों के फिटनेस, परमिट आदि का भुगतान बकाया होने पर परिवहन विभाग ने रोडवेज के खिलाफ दावा लगा रखा है, वहीं दुकानें बनाने वाले ठेकेदार ने भी भुगतान नहीं होने के कारण डीपो को कोर्ट में घसीट रखा है। दुकान निर्माण के साथ बाहर तक इनकी पेडिय़ां बनाने वाले डीपो को अपनी जमीन पर कब्जा बताकर नगर पालिका ने भी कोर्ट का दरवाजा दिखा रखा है, जो सभी प्रकरण विचाराधीन हैं।
सडक़ पर दौडऩे वाली रोडवेज बसों के फिटनेस, परमिट आदि का भुगतान बकाया होने पर परिवहन विभाग ने रोडवेज के खिलाफ दावा लगा रखा है, वहीं दुकानें बनाने वाले ठेकेदार ने भी भुगतान नहीं होने के कारण डीपो को कोर्ट में घसीट रखा है। दुकान निर्माण के साथ बाहर तक इनकी पेडिय़ां बनाने वाले डीपो को अपनी जमीन पर कब्जा बताकर नगर पालिका ने भी कोर्ट का दरवाजा दिखा रखा है, जो सभी प्रकरण विचाराधीन हैं।