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जिसको अधिकार ही नहीं उनसे दुकान लेना बता रहे

locationधारPublished: Mar 15, 2019 12:41:15 am

Submitted by:

amit mandloi

एसडीएम ने लगाए ताले, कहा कागज लेकर आओ फिर बात करेंगे

locked Shop

dipo morket

धार. उधारी नहीं चुका पाने के कारण पहले ही रोडवेज डिपो की पूरी संपत्ति शासन के पास चली गई, जबकि धार के रोडवेज डिपो के बाहर बनी कुछ दुकानों पर एक पखवाड़ा पहले कुछ लोगों ने कब्जा कर लिया। उनका कहना है कि इंदौर डिपो से जारी विज्ञप्ति के बाद ही विधिवत तरीके से दुकानें ली हैं। पिछले एक सप्ताह से चल रही इस उठापटक के बाद गुरुवार को एसडीएम वीरेंद्र कटारे ने तीन खुली दुकानों पर ताले लगा दिए।
धार रोडवेज डिपो की १६ दुकानों में से कुछ पूर्व से संचालित हैं, जबकि बंद पड़ी दुकानों में से ३ दुकानों पर नई सरकार बनते ही आधिपत्य जताया जा रहा है। सूत्र बता रहे हैं कि बंद हो चुके रोडवेज के कुछ अधिकारी अब भी संपत्ति के घालमेल में लगे हैं, जो कागजी खानापूर्ति कर अपने परिचितों व रिश्तेदारें को उपकृत कर रहे हैं। जिन लोगों ने हाल ही में दुकानें ली, वे नीलामी में शामिल होकर दुकानें लेना बता रहे हैं। इसके लिए ३.५ लाख रुपए नीलाम राशि जमा करवाकर ३ हजार ५०० रुपए महीना किराया बता रहे हैं।
इन्होंने किया नीलामी में लेने का दावा
जैतपुरा पटवारी महेंद्र एस्के ने बताया कि दुकानदारों का कहना है कि रोडवेज डिपो के आइएएस लेवल के अधिकारी ने उन्हें दुकानें नीलामी में दी। बावजूद इसके एसडीएम द्वारा कागज मांगे जाने पर ेउपलब्ध नहीं करवा पा रहे हैं। दुकानों पर दावेदारी जताने वालों में निसार मोहम्मद पिता इब्राहिम, जुल्फिकार एहमद पिता निसार तथा मो. सादिक पिता रफीक खान हैं।
ये बोले एसडीएम
एसडीएम ्र कटारे का कहना है कि शासन का राजस्व नहीं भरने के कारण रोडवेज की सभी संपत्तियां शासन के अधीन हो चुकी है। इन पर अब रोडवेज को कोई हक नहीं है। इसके बावजूद यदि किसी अधिकारी ने इनकी नीलामी की तो वह कैसे और कहां? इसका जवाब नीलामी में दुकान लेने वालों को देना होगा। पहले इन्हें सोमवार तक कार्यालय में उपस्थित होकर डीपो से मिले कागज लाने का समय दिया गया था। इसके बाद ही गुरुवार को दुकानों पर ताले लगाने पड़े। गुरुवार को की गई कार्रवाई के दौरान एक दुकानदार ने नेतागिरी झाडऩे का प्रयास किया, लेकिन एसडीएम ने उसे वैसा ही जवाब दिया, जिसके बाद वह चुप हो गया। इस दौरान रेवेन्यू इंस्पेक्टर सरदारसिंह मंडलोई भी मौजूद रहे।
ये भी है गणित
सडक़ पर दौडऩे वाली रोडवेज बसों के फिटनेस, परमिट आदि का भुगतान बकाया होने पर परिवहन विभाग ने रोडवेज के खिलाफ दावा लगा रखा है, वहीं दुकानें बनाने वाले ठेकेदार ने भी भुगतान नहीं होने के कारण डीपो को कोर्ट में घसीट रखा है। दुकान निर्माण के साथ बाहर तक इनकी पेडिय़ां बनाने वाले डीपो को अपनी जमीन पर कब्जा बताकर नगर पालिका ने भी कोर्ट का दरवाजा दिखा रखा है, जो सभी प्रकरण विचाराधीन हैं।
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