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आखरी दिन प्रचार में लगाया दोनों ग्रुप ने जोर

अनाज-तिलहन संघ की नई कार्यकारिणी के लिए आज होगा मतदान

धारJul 01, 2018 / 10:34 am

अर्जुन रिछारिया

Grain-Oilseeds Union’s new executive will be voting today

धार.
बात नहीं बनी तो इस बार चुनाव की नौबत आ गई। अब तक आपस में बैठकर मंडी व्यापारी अनाज-तिलहन संघ की कार्यकारिणी का गठन कर लेते थे। इस बार मंडी से करोड़ों डकार कर भागे व्यापारी के कारण व्यापारियों के दो गुट बने और चुनाव की नौबत आ गई। अनाज तिलहन संघ की नई कार्यकारिणी के लिए आज मतदान होगा, जिसके एक दिन पहले तक दोनों गुटों ने प्रचार के लिए पूरा जोर लगाया।
बता दें कि 24 साल बाद अनाज-तिलहन संघ के चुनाव हो रहे हैं, जिसका पूरा दायित्व मंडी व्यापारी अनंत अग्रवाल के पास हैं। चुनाव में पारदर्शिता रखने के लिए निर्वाचन प्रक्रिया बाहरी हाथों में सौंपी गई है। इनमें शासकीय सेवक व सेवा निवृत्त अधिकारी शामिल हैं। अब तक संघ के अध्यक्ष राजेंद्र मोदी रहे हैं, जो गजानंद ग्रुप की ओर से इस बार भी अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी कर रहे हैं।इ सके अलावा नारियल ग्रुप की ओर से अध्यक्ष पद के दावेदार महेंद्र धोका हैं। नई कार्यकारिाणी के लिए २६५ मतदाता वोट करेंगे, जिसमें जातिगत समीकरण का बड़ा प्रभाव रहेगा।
शाम को होगी घोषणा
सुबह से मतदान के बाद रविवार को ही शाम परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे। इसके बाद सहभोज का भी आयोजन रखा गया है। निर्वाचन प्रक्रिया शहर के एक निजी गार्डन के आयोजित की गई है और वहीं सहभोज के साथ नई कार्यकारिणी की घोषणा की जाएगी।

मासूम के साथ दरिंदगी, फांसी जरूरी
अल्पसंख्यकों ने राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन
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जिसकी उम्र अभी खेलने, कूदने के साथ पढ़ाई करने की उसके साथ दरिंदगी इस्लाम में भी मॉफ नहीं। ऐसे दरिंदों को दोजख में भी जगह नहीं मिलती। ऐसे दरिंदों को सरेआम फांसी होना चाहिए, जिससे ऐसी हरकत करने से पहले दरिंदों की रूह कांप उठे।
शहर के अल्पसंख्यक वर्ग ने शनिवार को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपकर मंदसौर में हुई घटना की कड़ी भत्र्सना की और दोनों आरोपितों को फांसी की मांग की। बता दें कि 26 जून में मंदसौर में 7 साल की एक मासूम के साथ दो आरोपितों ने दुष्कर्म कर उसे मारने का प्रयास किया था। इसके बाद न केवल मंदसौर बल्कि पूरे देश व प्रदेश में इस घटना की निंदा हो रही है। इस घटना के विरोध में हर वर्ग खुलकर सामने आया और आरोपितों को फांसी देने की मांग की। मंदसौर में अल्पसंख्यकों ने पहले ही उन दरिंदों को पनाह देने से इंकार करते हुए कब्र तक मुहैया कराने से मना कर दिया, जबकि शनिवार को धार शहर के अल्पसंख्यक वर्ग ने भी इसका समर्थन किया।
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