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‘अवैध रुपए लेकर कहां जा रहा है’ बोलकर उड़ा ले गए लाखों रुपयों से लबालब बैग रुपए के इंतजाम में परिजन समेत प्रसूता घंटे भर तक जिला अस्पताल परिसर में बैठी रही। आखिर दस हजार की व्यवस्था होने पर आशा उन्हें लेकर एक प्राइवेट अस्पताल ले गई, जहां ऑपरेशन से प्रसूता ने गुरुवार शाम बच्चे को जन्म दिया। पत्रिका ने जब उनका नाम पूछा तो बताने से इसलिए इनकार कर दिया कि लोग गरीबों का मजाक उड़ाएंगे। इधर आशा ने भी दलाली के आरोप के कारण नाम नहीं बताया।
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कुत्ते ने दबोची बच्चे की गर्दन, पिता डॉक्टरों से लगाता रहा गुहार- 350 रुपए नहीं है, प्लीज लगा दो इंजेक्शन लोगों की सेहत सुधारने के लिए जिला अस्पताल में मरीजों का भारी जमावड़ा रहता है, लेकिन दो महीने से अस्पताल की दोनों ऑपरेशन थिएटर बंद होने से अस्पताल खुद बीमार है। संक्रमण के कारण १४ सितंबर से गायनिक ओटी बंद है, वहीं इसके कुछ समय बाद मेजर ओटी भी बंद हो गई। साफ सफाई, रंगरोगन के बाद अस्पताल प्रबंधन को उम्मीद थी कि सोमवार से दोनों ओटी शुरू हो जाएगी , लेकिन अब तक कल्चर रिपोर्ट नहीं मिल पाने के कारण दोनों ऑपरेशन थिएटर बंद हैं, जिससे मरीज प्राइवेट अस्पतालों में जाने को मजबूर हैं। सिविल सर्जन डॉ. एमके बौरासी का कहना है जब तक कल्चर रिपोर्ट नहीं मिलती ओटी शुरू नहीं कर सकते हैं।