काम के लिए पलायन करने वाले मोहन ङ्क्षसह, सज्जन ङ्क्षसह, मुकुट भाई और लीलाबाई ने बताया कि गंधवानी में सरकार की ओर से रोजगार गारंटी योजना में मजदूरी नहीं मिल पा रही है। इसलिए हम लोग गुजरात पलायन कर रहे हैं। यहां पर सरकार यदि तालाब और रोड पर काम में लगाती है तो उसका पैसा 200 मिलता है। जबकि गुजरात में 1 दिन की मजदूरी 500 से लेकर 600 है। वह भी नकद इसलिए हम गुजरात की ओर जा रहे हैं। हमें यहां यह सुविधा है कि दिनभर काम करने के बाद शाम को मजदूरी का भुगतान खेत मालिक कर देते हैं। इसलिए हम वहीं पर काम के लिए जा रहे हैं।
गरीब आदिवासियों को यही पर रोजगार मिलना चाहिए
&गंधवानी विकासखंड में सरकार की ओर से रोजगार देने के लिए ज्यादा प्रयास नहीं किए जाते जो काम चल रहा है। उनमें अधिकारी लोग मशीनरी का उपयोग करते हैं ऐसे में हमारे आदिवासी भाई लोग रोजी-रोटी चलाने के लिए गुजरात और अन्य जगह जा रहे हैं । इस ओर जिला प्रशासन सहित तमाम अधिकारी ने ध्यान देना चाहिए। ताकि गरीब आदिवासी वर्ग को उसके गांव में उसके फलिए में उसे रोजगार मिले और वह अपने और अपने परिवार का भरण पोषण कर सके।
छगन भाई, कांग्रेस नेता ग्राम अंबापुरा।
&गंधवानी विकासखंड में सरकार की ओर से रोजगार देने के लिए ज्यादा प्रयास नहीं किए जाते जो काम चल रहा है। उनमें अधिकारी लोग मशीनरी का उपयोग करते हैं ऐसे में हमारे आदिवासी भाई लोग रोजी-रोटी चलाने के लिए गुजरात और अन्य जगह जा रहे हैं । इस ओर जिला प्रशासन सहित तमाम अधिकारी ने ध्यान देना चाहिए। ताकि गरीब आदिवासी वर्ग को उसके गांव में उसके फलिए में उसे रोजगार मिले और वह अपने और अपने परिवार का भरण पोषण कर सके।
छगन भाई, कांग्रेस नेता ग्राम अंबापुरा।
मशीनों से जरूरत के काम होना चाहिए
&मनरेगा योजना में मशीनों से सिर्फ वही काम होने चाहिए जो मजदूर नहीं कर पाए, लेकिन यहां पर सभी काम मशीनों से होते हैं। इसलिए लोगों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है। पंचायत चुनाव संपन्न होते ही सैकड़ों लोग एक ही दिन में बसों और अन्य साधनों से गुजरात जा रहे हैं। जबकि यहीं पर रोजगार देने के लिए सरकार और अन्य लोगों ने कदम उठाने चाहिए।
ठाकुर ङ्क्षसह, ग्रामीण पानवा
&मनरेगा योजना में मशीनों से सिर्फ वही काम होने चाहिए जो मजदूर नहीं कर पाए, लेकिन यहां पर सभी काम मशीनों से होते हैं। इसलिए लोगों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है। पंचायत चुनाव संपन्न होते ही सैकड़ों लोग एक ही दिन में बसों और अन्य साधनों से गुजरात जा रहे हैं। जबकि यहीं पर रोजगार देने के लिए सरकार और अन्य लोगों ने कदम उठाने चाहिए।
ठाकुर ङ्क्षसह, ग्रामीण पानवा