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सवा चार करोड़ की खराब बिल्डिंग का खामियाजा भुगत रहे मरीज

locationधारPublished: Oct 20, 2019 11:33:24 am

Submitted by:

atul porwal

निजी अस्पतालों में अच्छे कंस्ट्रक्शन नहीं आई दिक्कत, ट्रामा सेंटर का खराब कंस्ट्रक्शन, पानी टपकने से बंद पड़ी गायनिक ओटी

सवा चार करोड़ की खराब बिल्डिंग का खामियाजा भुगत रहे मरीज

सवा चार करोड़ की खराब बिल्डिंग का खामियाजा भुगत रहे मरीज

धार.
ज्यादा और लगातार बारिश के कारण चंद सालों में जिला अस्पताल की ट्रामा सेंटर बिल्ंिडग खराब हो गई और जगह-जगह से टपकने लगी। दीवरों में सीलन से ना केवल मरीज परेशान रहे बल्कि डेढ़ महीने से गायनिक ओटी तक बंद पड़ी है। सीलन और पानी टपकने से ऑपरेशन थिएटर में संक्रमण फैल गया, जिससे अब तक छूटकारा नहीं मिल सका। हालांकि सिविल सर्जन सोमवार से दोनों ऑपरेशन थिएटर(गायनिक व मेजर) शुरू होने का दावा कर रहे हैं।
शहर में करीब एक दर्जन निजी अस्पताल हैं, जिनमें ऑपरेशन थिएटर भी हैं। जिला अस्पताल के ओटी छोड़ कहीं संक्रमण नहीं फैला, जिसके जवाब में सिविल सर्जन डॉ. एमके बौरासी ने केवल भवन के निर्माण को घटिया बताया, जिसमें पानी टपकने और दीवारों की खराब गुणवत्ता के कारण सीलन पैदा होने से ये हालात बने। गौरतलब है कि ४ करोड़ २८ लाख रुपए की लागत से बना ट्रामा सेंटर जनवरी २०१५ में जिला अस्पताल के सुपूर्द किया गया था, जिसकी गुणवत्ता दो साल बाद से ही पोल खोलने लगी थी।
दीवरों में आ गई थी दरारें
ट्रामा सेंटर में स्वास्थ्य सेवाएं शुरू हुए 6 माह भी नहीं हुए थे कि दीवरों में दरारें झांकने लगी थी। कई बीम और ज्वाइंट खिसकने की शिकायत पर निर्माण एजेंसी ने स्टील प्लेटें लगाकर खामियां ढकने की कोशिश की, लेकिन कांट्रेक्टर कंपनी पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। पीआईयू के अनुसार इंदौर की भागवत कंस्ट्रक्शन ने ट्रामा सेंटर का निर्माण किया था। तय समय में कमी के कारण ओवर टाइम के कारण भागवत कंस्ट्रक्शन पर चार्ज भी किया गया था।
संभागायुक्त ने भी निकाली थी खामियां
निर्माण के बाद हैंडओवर होने से पहले इंदौर संभाग के तत्कालीन कमिश्नर संजय दुबे ने इसका निरीक्षण किया था। सिविल वर्क के अलावा उन्होंने सेनेटरी कार्य में भी कई खामियां निकाली थी, जिसे बाद में दुरूस्त करवाया गया था। इसके बाद भी इस भवन में कई बार रिपेयरिंग का काम हुआ, लेकिन इस बारिश में भवन निर्माण की पोल खुल ही गई। भारी बारिश के कारण दीवारों में सीलन और छत का टपकना जारी रहा, जिससे मरीजों के पलंग भी इधर-उधर करना पड़े।
एक तो पुराना, दूसरा बेकार
मेजर ओटी जिस भवन में है, वह सौ साल से भी ज्यादा पुराने भवन में है। यहां पानी टपकना, दीवारों में सीलन आना लाजमी है। लेकिन ट्रामा सेंटर बने अभी पांच साल भी नहीं हुए, जिसमें पानी टपकना खराब निर्माण बता रहा है। दीवारों में सीलन के कारण ही गायनिक ओटी में संक्रमण फैला। सोमवार से दोनों ओटी शुरू हो जाएंगी।
डॉ. एमके बौरासी, सिविल सर्जन
दो साल से ज्यादा हो गए
ट्रामा सेंटर जनवरी 2015 में हैंडओवर हुआ था, जिसे दो साल से ज्यादा हो गए। दरअसल पीआईयू में दो साल के मेंटेनेंस का नियम है। इसलिए उन्हें कुछ नहीं कह सकते। दुरूस्तीकरण का प्रतिवेदन बनाकर विभाग को भेजेंगे।
-बबन वास्केल, सब इंजीनियर, स्वास्थ्य विभाग
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