दीवरों में आ गई थी दरारें
ट्रामा सेंटर में स्वास्थ्य सेवाएं शुरू हुए 6 माह भी नहीं हुए थे कि दीवरों में दरारें झांकने लगी थी। कई बीम और ज्वाइंट खिसकने की शिकायत पर निर्माण एजेंसी ने स्टील प्लेटें लगाकर खामियां ढकने की कोशिश की, लेकिन कांट्रेक्टर कंपनी पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। पीआईयू के अनुसार इंदौर की भागवत कंस्ट्रक्शन ने ट्रामा सेंटर का निर्माण किया था। तय समय में कमी के कारण ओवर टाइम के कारण भागवत कंस्ट्रक्शन पर चार्ज भी किया गया था।
ट्रामा सेंटर में स्वास्थ्य सेवाएं शुरू हुए 6 माह भी नहीं हुए थे कि दीवरों में दरारें झांकने लगी थी। कई बीम और ज्वाइंट खिसकने की शिकायत पर निर्माण एजेंसी ने स्टील प्लेटें लगाकर खामियां ढकने की कोशिश की, लेकिन कांट्रेक्टर कंपनी पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। पीआईयू के अनुसार इंदौर की भागवत कंस्ट्रक्शन ने ट्रामा सेंटर का निर्माण किया था। तय समय में कमी के कारण ओवर टाइम के कारण भागवत कंस्ट्रक्शन पर चार्ज भी किया गया था।
संभागायुक्त ने भी निकाली थी खामियां
निर्माण के बाद हैंडओवर होने से पहले इंदौर संभाग के तत्कालीन कमिश्नर संजय दुबे ने इसका निरीक्षण किया था। सिविल वर्क के अलावा उन्होंने सेनेटरी कार्य में भी कई खामियां निकाली थी, जिसे बाद में दुरूस्त करवाया गया था। इसके बाद भी इस भवन में कई बार रिपेयरिंग का काम हुआ, लेकिन इस बारिश में भवन निर्माण की पोल खुल ही गई। भारी बारिश के कारण दीवारों में सीलन और छत का टपकना जारी रहा, जिससे मरीजों के पलंग भी इधर-उधर करना पड़े।
निर्माण के बाद हैंडओवर होने से पहले इंदौर संभाग के तत्कालीन कमिश्नर संजय दुबे ने इसका निरीक्षण किया था। सिविल वर्क के अलावा उन्होंने सेनेटरी कार्य में भी कई खामियां निकाली थी, जिसे बाद में दुरूस्त करवाया गया था। इसके बाद भी इस भवन में कई बार रिपेयरिंग का काम हुआ, लेकिन इस बारिश में भवन निर्माण की पोल खुल ही गई। भारी बारिश के कारण दीवारों में सीलन और छत का टपकना जारी रहा, जिससे मरीजों के पलंग भी इधर-उधर करना पड़े।
एक तो पुराना, दूसरा बेकार
मेजर ओटी जिस भवन में है, वह सौ साल से भी ज्यादा पुराने भवन में है। यहां पानी टपकना, दीवारों में सीलन आना लाजमी है। लेकिन ट्रामा सेंटर बने अभी पांच साल भी नहीं हुए, जिसमें पानी टपकना खराब निर्माण बता रहा है। दीवारों में सीलन के कारण ही गायनिक ओटी में संक्रमण फैला। सोमवार से दोनों ओटी शुरू हो जाएंगी।
–डॉ. एमके बौरासी, सिविल सर्जन
मेजर ओटी जिस भवन में है, वह सौ साल से भी ज्यादा पुराने भवन में है। यहां पानी टपकना, दीवारों में सीलन आना लाजमी है। लेकिन ट्रामा सेंटर बने अभी पांच साल भी नहीं हुए, जिसमें पानी टपकना खराब निर्माण बता रहा है। दीवारों में सीलन के कारण ही गायनिक ओटी में संक्रमण फैला। सोमवार से दोनों ओटी शुरू हो जाएंगी।
–डॉ. एमके बौरासी, सिविल सर्जन
दो साल से ज्यादा हो गए
ट्रामा सेंटर जनवरी 2015 में हैंडओवर हुआ था, जिसे दो साल से ज्यादा हो गए। दरअसल पीआईयू में दो साल के मेंटेनेंस का नियम है। इसलिए उन्हें कुछ नहीं कह सकते। दुरूस्तीकरण का प्रतिवेदन बनाकर विभाग को भेजेंगे।
-बबन वास्केल, सब इंजीनियर, स्वास्थ्य विभाग
ट्रामा सेंटर जनवरी 2015 में हैंडओवर हुआ था, जिसे दो साल से ज्यादा हो गए। दरअसल पीआईयू में दो साल के मेंटेनेंस का नियम है। इसलिए उन्हें कुछ नहीं कह सकते। दुरूस्तीकरण का प्रतिवेदन बनाकर विभाग को भेजेंगे।
-बबन वास्केल, सब इंजीनियर, स्वास्थ्य विभाग