scriptराधाकृष्ण मंदिर 30 जनवरी को एवं 31 को शंखेश्वरपुरम तीर्थ में प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा | Radhakrishna temple on January 30 and 31 on Shankheswarapuram pilgrima | Patrika News

राधाकृष्ण मंदिर 30 जनवरी को एवं 31 को शंखेश्वरपुरम तीर्थ में प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा

locationधारPublished: Jan 23, 2020 11:40:52 pm

Submitted by:

shyam awasthi

परमानंद महाराज व ऋषभचंद सूरीश्वर महाराज का मंगल प्रवेश

राधाकृष्ण मंदिर 30 जनवरी को एवं 31 को शंखेश्वरपुरम तीर्थ में प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा

चल समारोह में प्राण प्रतिष्ठा की प्रतिमाएं रथ पर विराजित थी।

बदनावर.नगर में गुरुवार को दो संतों के आगमन से धरा धन्य हो गई और वातावरण धर्ममय हो गया। सुबह पेटलावद रोड से आचार्य श्रीमद विजय ऋषभचंद सूरीश्वर महाराज सहित मुनि रजतचंदविजय, पुष्पेंद्रविजय, रूपेंद्र विजय, जिनचंद विजय, जीतचंदविजय, जनकचंद विजय, जिनपत्र विजय एवं साध्वी मंडल का मंगल प्रवेश हुआ। आगे महिला मंडल की सदस्य कलश लिए चल रही थी। संत साध्वी मंडल के पीछे समाजजन जयकारे लगाते चल रहे थे। पीछे रथ पर प्राण प्रतिष्ठा की प्रतिमाएं विराजित थी।
विधायक राजवर्धनसिंह दत्तीगांव भी समारोह में शामिल हुए। नगर भ्रमण के बाद जैन धर्मशाला में धर्मसभा में आचार्य ने कहा कि आज व्यक्ति की इच्छाएं अनंत है। व्यक्ति समय को अपने वश में करना चाहता है, लेकिन समय अपनी गति से चलता रहता है। हमने समय बचाने के लिए भैतिक साधनों का आविष्कार किया, लेकिन इससे समाज में परिवारों में खाई बड़ती जा रही है। हम मंदिर में भगवान से सुख की कामना करते हैं एवं दुख से से दूर रहने की चाह रखते हैं। लेकिन दुख तो हमारे भीतर हमारी सोच से ही पैदा होता है। इसलिए परमात्मा कहते है कि राग और द्वेष से दूर रह कर धार्मिक क्रिया के साथ धर्म में ध्यान एवं ध्यान में धर्म करना चाहिए। संचालन महेंद्र सुंदेचा ने किया। नवकारसी का लाभ राजेंद्रकुमार जैनिषकुमार बोकडिय़ा एवं स्वामीवात्सल्य के लाभार्थी प्रकाशचंद अमितकुमार जैन परिवार थे। आचार्य की निश्रा में फोरलेन स्थित श्रीशंखेश्वरपुरम तीर्थ पर 31 को प्राण प्रतिष्ठा एवं अंजनशालका एवं पंचकल्याणक महोत्सव आयोजित होगा। सात दिवसीय कार्यक्रम 25 जनवरी से प्रारंभ होंगे।
महामंडलेश्वर का मंगल प्रवेश
दोपहर बाद श्रीबैजनाथ महादेव मंदिर से महामंडलेश्वर स्वामी परमानंद महाराज का मंगल प्रवेश हुआ। कलश यात्रा में महिलाएं सिर पर कलश लेकर चल रही थी। पीछे सुसज्ज्ति बग्गी पर महामंडलेश्वर ज्योतिर्मय आनंदगिरी, स्वामी विशुद्धानंदगिरी एवं अन्य बग्गी पर महामंडलेश्वर साध्वी दिव्य चेतनागिरी विराजित थी। आगे लाल रंग की कार में स्वामी परमानंद महाराज विराजित थे। कलश यात्रा का जांगीड़ ब्राम्हण समाज, माहेश्वरी समाज, महाकाल मंडल, विश्व हिंदू परिषद सहित अनेक स्थानों पर मंच के माध्यम से स्वागत किया गया। चल समारोह में पूर्व विधायक खेमराज पाटीदार, डॉ. प्रहलादसिंह सोलंकी, राजेश अग्रवाल, लाखनसिंह जादौन सहित बड़ी संख्या में लोग शामिल थे। नगर भ्रमण के बाद अखंड परमधाम आश्रम पर समापन हुआ। यहां भी सात दिवसीय आयोजन के तहत 30 जनवरी को योगेश्वर मंदिर में राधाकृष्ण प्रतिमा एवं ब्रम्हलीन अखंडानंद महाराज की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होगी। गुरुवार से ही श्रीमद भागवत कथा महामंडलेश्वर ज्योतिर्मय आनंदगिरी के मुखारविंद से प्रारंभ हुई। विहिप विभाग प्रचारक दिलीप मकवाना ने दीप प्रज्जवलित कर भागवत कथा का शुभारंभ किया। पंच कुंडात्मक यज्ञ यज्ञाचार्य पं. हेमंत गोपालकृष्ण शास्त्री के सानिध्य में प्रारंभ हुआ। प्राण प्रतिष्ठा दिवस पर केंद्रीय मंत्री एवं महामंडलेश्वर निरंजनज्योति भी समारोह में शामिल होगी।

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