scriptदुष्कर्म पीड़िता बेटी को देखते रहे माता-पिता,बच्ची की स्तिथि गंभीर | rape victim 7 year old girl is suffering in dhar hospital | Patrika News

दुष्कर्म पीड़िता बेटी को देखते रहे माता-पिता,बच्ची की स्तिथि गंभीर

locationधारPublished: Dec 21, 2017 04:28:14 pm

जिला अस्पताल में पीडि़ता की हालत में सुधार, मेडिकल के बाद स्लाइड बनाकर सैंपल लिए, जांच के लिए भेजे जाएंगे लैब

dhar rape victim
धार.मनावर के समीप अंजदा गांव में एक वहसी दरिंदे ने ७ साल की मासूम के साथ जो हैवानियत की करतूत की, उससे पूरे जिले में आक्रोश व्याप्त है। मासूम का जिला अस्पताल में उपचार जारी है। वह बेड पर निढाल पड़ी है। उसके पिता वार्ड के बाहर आंखों में शून्य लिए बैठे हैं।
मासूम की माता पलंग पर बैठ कभी उसे बिस्किट खिलाकर बहलाती है तो कभी उसके सिर पर हाथ फेर कर सहलाती है। यह दृश्य कलेजे को चीर देने के लिए काफी है। उसके साथ जिस बेरहमी से दरिंदगी की गई उससे यह गरीब परिवार को उबरने में काफी वक्त लगेगा। मासूम के पिता ने बताया कि रात को गांव से दो लोग साथ आए थे। सुबह वे भी चले गए। उनको पता ही नहीं है कि बच्ची का क्या इलाज चल रहा है। उन्होंने बताया कि डॉक्टर ने हिदायत दी है कि जब तक पूरा ट्रीटमेंट न हो अस्पताल से छुट्टी नहीं मांगना। इस घटना से सहमे माता-पिता केवल मासूम को ही देखते रहते हैं।
मेडिकल कर सैंपल लिए, मनावर थाने भेजे:मासूम को मंंगलवार रात को जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया। जहां उसका इलाज किया जा रहा है। बच्ची की सोनोग्राफी भी करवाई गई। ब्लड आदि के सैंपल लिए गए। अन्य जांच भी करवाई जा रही है। मासूम को धार लेकर पहुंचीं डॉ.मोनिका चौहान ने बताया कि डॉ.अनिता बघेल, डॉ.मोनिका बघेल, डॉ.एनडी सराऊ, डॉ. गिरिराज भूरा की मौजूदगी में मेडिकल मुआयना किया गया। उन्होंने बताया कि अब बालिका की हालत ठीक है। उसका उपचार जारी है। अभी उसके बयान बाकी है। हालत पूरी तरह ठीक होते ही बयान भी लिए जाएंगे।
‘वातावरण और नशा अधिक जिम्मेदार है दुष्कर्म के लिए’: डॉक्टर
“मप्र में दुष्कर्म की घटनाएं बहुत अधिक हो रही हैं। इसके लिए जितना प्रशासन जिम्मेदार है, उतना ही हमारा समाज भी जिम्मेदार है। दुष्कर्मी वह विकृत मानसिकता के शिकार हैं जो हमारी ही समाज और परिवार से निकलकर आते हैं। जब तक समाज को जागरुक नहीं किया जाएगा। इन पर रोक लगा पाना मुश्किल लग रहा है। दुष्कर्म के अधिकांश केसों में अधिक से अधिक नशा करने वाले व्यक्ति सामने आते हैं। जिन्हें केवल और केवल सनक ही नजर आती है। उन्हें इससे कोई सरोकार नहीं कि सामने उनके कौन है। उनके लिए रिश्ते और नाते भी मायने नहीं रखते। इस विकृत मानसिकता का एक कारण और भी सामने आता है वह है कि घर का वातावरण कैसा है। जिन लोगों के साथ में वह रहता है वह ग्रुप कैसा है। घर में परवरिश कैसी हो रही है। घर में होने वाले अत्याचार भी एक वजह हो सकती है। ऐसे विभत्स दुष्कर्म के मामलों पर रोक लगाने के लिए कानूनी प्रक्रिया को मजबूत बनाकर कठोर से कठोर सजा का प्रावधान हो। जब तक डर नहीं होगा तब तक इस पर रोक लगा पाना संभव नहीं है।”
-डॉ.देवेंद्र उन्नी, मेडिकल ऑफिसर, मेंटल हेल्थ प्रोग्राम, धार
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो