जल, जंगल और जीव की रक्षा के लिए संत कर रहे है पदयात्रा (देखे वीडियो)
12 ज्योर्तिलिंग का करेंगे अभिषेक, आज धार में शोभायात्रा समापन 27 को औंकारेश्वर में
अभी तक 11 हजार किमी पैदल चल चुके है संत

धार.
श्री नित्यानंद आश्रम के गुरुदेव 1008 राजानद महाप्रभु के शिष्य नर्मदानंद बापजी जल, जंगल और जीव के संरक्षण के लिए हजारों किमी पैदल यात्रा कर रहे है। नर्मदानंदजी शनिवार को धार पहुंचे है। रविवार को नगर में शोभायात्रा सुबह आठ बजे से निकलेगी। इसके बाद श्री नित्यानंद आश्रम में पहुंचकर बापजी का अभिषेक किया जाएगा।
पत्रिका से चर्चा में नर्मदानंदजी ने बताया कि वे लोगों को जल,जंगल और जीव की रक्षा का संकल्प दिला रहे है। उनकी राष्ट्र धर्म विजय यात्रा की शुरुआत 29 सितंबर २०१९ को गंगोत्री से शुरू हुई थी। जहां उत्तराखंड से पवित्र जल को 12 कलशों में भरा गया है। 12 कलशों के जल से वे 12 ज्योर्तिलिंग का अभिषेक कर रहे है। लगभग 11 हजार किमी पैदल चलकर उन्होंने 10 ज्योर्तिलिंग का अभिषेक दिया है। 11 वें ज्योर्तिलिंग उज्जैन के बाबा महांकाल का वे समापन औंकारेश्वर में 12 वें ज्योर्तिलिंग के अभिषेक से करेंगे। 27 जनवरी को औंकारेश्वर में संतों की संगोष्ठी होगी। संगोष्ठी का विषय सनातन धर्म होगा। उन्होंने अलग-अलग प्रदेशों मेंं पैदल ही यात्रा की है।
जहां भी रूके पौधा रोपणकिया
संत ने बताया कि उनकी यात्रा के तीन उद्देश्य है। पहला जल, दूसरा जंगल और तीसरीजीव है। जल में वे लोगों को जलसंरक्षण का महत्व बताते है। दूसरा विषय जंगल है। जंगल के बारे में उनका कहना है कि लगातार कटाई से वन उजाड हो रहे है। उन्होंने आह्वान किया कि अभी भी वक्त है हम पौधारोपणकरके हरियाली कर सकतेहै। इसी उद्देश्य से जहां यात्रा रूकती है वहां पर पौधारोपण भी किया जाताहै। इसके बाद है जीव दया। जीवों को लेकर भी वे लोगों को जागरूक कर रहे है। विशेषकर गौमाता के संरक्षण को लेकर वे काफी गंभीर है।
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