scriptझमाझम से कहीं रौनक तो कहीं बरसी आफत | Somewhere far away from Jhajjam | Patrika News

झमाझम से कहीं रौनक तो कहीं बरसी आफत

locationधारPublished: Jun 25, 2018 08:37:13 pm

घरों में घुसा पानी, बीज खराब, खेतों में चले डोरे

Water roams in the houses, seeds are bad

Water roams in the houses, seeds are bad

फेक्ट फाइल
खरीफ का कुल रकबा- 5 लाख 40 हजार हेक्टेयर
सोयाबीन का रकबा- 2 लाख 80 हजार हेक्टेयर
कपास का रकबा- 1 लाख 10 हजार हेक्टेयर
मक्का का रकबा- 90 हजार हेक्टेयर
कुल किसानों की संख्या- 3 लाख 25 हजार

पत्रिका खेत खलिहान
धार.
आंधी तुफान के साथ शनिवार रात हुई झमाझम से कहीं आफत बरसी तो कई चेहरो पर मुस्कान बिखेर गई। जैतपुरा में नई सडक़ उंची होने से कई घरों में पानी घुस आया, जिससे बुआई के लिए खरीदा गया बीज ही खराब हो गया। इधर पर्याप्त बरसात को देखते हुए अधिकांश खेतों में बुआई शुरू हो गई। जिले में खरीफ का कुल रकबा 5 लाख 40 हजार हेक्टेयर है, जिसमें करीब आधा दर्जन से अधिक प्रकार की उपज लगाई जाती है। कृषि उपसंचालक आरएल जामरे के अनुसार जिले में खरीफ के सीजन की मोटी फसल सोयाबीन है, जिसका जिले भर में कुल रकबा 2 लाख 80 हजार से करीब ३ लाख हेक्टेयर बताया जा रहा है। कलेक्टर धार की भू-अभिलेख शाखा के अनुसार शनिवार रात 50.4 मिमि वर्षा दर्ज की गई, जबकि इस मानसून के सीजन में अब तक कुल 104.5 मिमि वर्षा हो चुकी है। आसमान में बादल छाए रहे, जिससे उमस का माहौल रहा, वहीं तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई। रविवार को अधिकतम 34.9 तथा न्यूनतम 22.3 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया।

उपचारित कर लगाएं बीज
कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक कमल किराड़ के अनुसार बुआई के लिए कम से कम 100 मिमि वर्षा जरूरी है, जिसके लिहाज से बुआई का समय हो चुका है। वैसे भी मासून की सक्रियता बनी हुई है, जिससे बीज को नुकसान नहीं होगा। हालांकि उमस को देखते हुए किराड़ ने किसानों को नसीहत दी है कि बीज उपचारित करके ही लगाएं। जमीन से उठने वाली भाप के कारण अमूमन बीज में फंगस लगने की आशंका रहती है, जिसके लिए बीज का उपचार जरूरी है।

खेतों में भर गया पानी
शनिवार रात तेज आंधी तुफान के साथ जो बरसात हुई तो सडक़ों से पानी बह निकला। तेज बारिश के कारण अधिकांश खेतों में पानी भर गया, जिससे इन खेतों में रविवार को बुआई नहीं हो पाई। हालांकि रविवार सुबह से ही मौसम खुला था, जिससे शाम तक ऐसे खेत भी तैयार हो गए और सोमवार से जिले के लगभग 60 फीसदी खेतों में बुआई की संभावनाएं बन रही हैं।

नई सडक़ ने पैदा की आफत
जैतपुरा में बनी नई सडक़ के किनारे वॉटर स्टार्म लाइन नहीं होने से लोगों की आफत शुरू हो गई है। सडक़ का लेवल घरों से उंचा है, जिससे बरसात का पानी घरों में घुस रहा है। शनिवार रात हुई तेज बारिश का पानी दुर्गाशंकर जाट के घर में घुस गया। आधी रात तक पूरा परिवार घर में रखा बीज और उपज को बचाने में लगा रहा। जाट के अनुसार कुछ ही दिन पूर्व वे मंदसौर से करीब 25 क्विंटल सोयाबीन का बीज खरीदकर लाए थे, जो पूरा भीग कर बेकार हो गया। इसके अलावा गेहूं, प्याज और लहसून भी बरसात के पानी में भीग गई।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो