मकान बन गए खेती हो रही: नदी की जमीन पर अतिक्रमण कर किसी ने खेत तो किसी ने मकान बना लिए। नदी के सौंदर्यीकरण को लेकर सिर्फ आज तक राजनीति हुई है। नदी के तट पर पेड काटकर अतिक्रमणकर लिया गया है। नदी अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रही है। नदी के किनारे कई कालोनियां कट गई । कॉलोनी काटने वालों ने भी नदी में भी पानी छोड दिया है। बताया जाता है कालोनाईजरों पर नेताओं का वरद हस्त होने से कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही है।
नदी से सूख गया पानी
बलवंती नदी में पानी लगभग सूख गया है। गंदगी ही नजर आ रही है। नदी के किनारे इमली ,बड, पीपल और भी कई प्रकार के वृक्षों को काट दिया है। त्योहार पर नदी में नहाने वालों की भीड़ लगी रहती थी।
बलवंती नदी में पानी लगभग सूख गया है। गंदगी ही नजर आ रही है। नदी के किनारे इमली ,बड, पीपल और भी कई प्रकार के वृक्षों को काट दिया है। त्योहार पर नदी में नहाने वालों की भीड़ लगी रहती थी।
योजना मंजूर अतिक्रमण नहीं हटा पाए
नदी को लेकर फिर राजनीति शुरू हो गई है। नगर पालिका ने 11 करोड का प्रस्ताव भेजकर इसकी खूब मार्केङ्क्षटग की है। पूर्व में भी कई योजनाएं बनी है लेकिन नदी अपने पुराने स्वरूप में नहीं लौट पाई है। नगर पालिका द्वारा आज तक अतिक्रमण नहीं हटाया गया है।
नदी को लेकर फिर राजनीति शुरू हो गई है। नगर पालिका ने 11 करोड का प्रस्ताव भेजकर इसकी खूब मार्केङ्क्षटग की है। पूर्व में भी कई योजनाएं बनी है लेकिन नदी अपने पुराने स्वरूप में नहीं लौट पाई है। नगर पालिका द्वारा आज तक अतिक्रमण नहीं हटाया गया है।