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अतिक्रमणकारियों ने प्राचीन नदी का भूगोल ही बदल दिया

locationधारPublished: May 17, 2022 12:33:21 am

Submitted by:

harinath dwivedi

नदी अभियान: सालों पहले लोग स्नान के अलावा करते थे धार्मिक कार्य

अतिक्रमणकारियों ने प्राचीन नदी का भूगोल ही बदल दिया

अतिक्रमणकारियों ने प्राचीन नदी का भूगोल ही बदल दिया

बदनावर. नगर की प्राचीन नदी बलवंती का भूगोल ही अतिक्रमणकारियों ने बदल दिया। नदी में सालों पहले कल-कल पानी बहा करता था। लोग तैराकी का आनंद लेने और धार्मिक कार्य करने तट पर पहुंचते थे। नदी के बदलाव को लेकर योजनाएं तो बनी है लेकिन वह धरातल पर नहीं आ पाई है। एक बार फिर इसके उद्धार की योजना बनी है लेकिन लोगों में संशय है कि नदी का सौंंदर्यीकरण हो पाएगा या नहीं। नदी का उद्गम स्थान पिटगारा से लेकर 10 किमी तक बहने वाली बलवंती नदी बागेडी नदी में मिलती है। पूरी नदी के आस पास बड़ी मात्रा में कुछ लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है। पेड़ काट कर खेत बना दिए नदी के आसपास भराव कर दिया।
मकान बन गए खेती हो रही: नदी की जमीन पर अतिक्रमण कर किसी ने खेत तो किसी ने मकान बना लिए। नदी के सौंदर्यीकरण को लेकर सिर्फ आज तक राजनीति हुई है। नदी के तट पर पेड काटकर अतिक्रमणकर लिया गया है। नदी अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रही है। नदी के किनारे कई कालोनियां कट गई । कॉलोनी काटने वालों ने भी नदी में भी पानी छोड दिया है। बताया जाता है कालोनाईजरों पर नेताओं का वरद हस्त होने से कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही है।
नदी से सूख गया पानी
बलवंती नदी में पानी लगभग सूख गया है। गंदगी ही नजर आ रही है। नदी के किनारे इमली ,बड, पीपल और भी कई प्रकार के वृक्षों को काट दिया है। त्योहार पर नदी में नहाने वालों की भीड़ लगी रहती थी।
योजना मंजूर अतिक्रमण नहीं हटा पाए
नदी को लेकर फिर राजनीति शुरू हो गई है। नगर पालिका ने 11 करोड का प्रस्ताव भेजकर इसकी खूब मार्केङ्क्षटग की है। पूर्व में भी कई योजनाएं बनी है लेकिन नदी अपने पुराने स्वरूप में नहीं लौट पाई है। नगर पालिका द्वारा आज तक अतिक्रमण नहीं हटाया गया है।

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