ग्राम कापसी में पांच दिनों तक रहेगी गणगौर महापर्व की धूम
कुक्षी-कापसी. सोमवार को सुबह ब्रह्ममुहूर्त मे माता की मुख्य बाड़ी को पूजन के लिए खोला गया। महिलाएं माता की बाड़ी का पूजन करने शिव मंदिर में पहुंची।
ग्राम के लगभग 90 रथों का विशेष शृंगार किए चल समारोह के साथ माता की बाड़ी में ज्वारे लेने के लिए ढोल ढमाके से मंदिर पहुंचे। वहां पर पूजा आरती करने के बाद ज्वारों को रथों में रखकर बड़ी श्रद्धा भाव से अपने घर लाया गया। ग्रामवासियों द्वारा घरों पर प्रसादी भोग लगाकर माता का पूजन किया गया। रात्रि में सभी गणगौर को माताजी मंदिर में पानी पिलाने के लिए एकत्रित किया जाता है । माताजी के ज्वारों का विसर्जन चल समारोह पूर्वक नदी तट पर किया जाता है। इस बार बुधवार एवं बाबूलाल रामाजी चौहान के यहां पर माताजी के रात्रि विश्राम के चलते 8 अप्रैल को समापन होगा।
कुक्षी-कापसी. सोमवार को सुबह ब्रह्ममुहूर्त मे माता की मुख्य बाड़ी को पूजन के लिए खोला गया। महिलाएं माता की बाड़ी का पूजन करने शिव मंदिर में पहुंची।
ग्राम के लगभग 90 रथों का विशेष शृंगार किए चल समारोह के साथ माता की बाड़ी में ज्वारे लेने के लिए ढोल ढमाके से मंदिर पहुंचे। वहां पर पूजा आरती करने के बाद ज्वारों को रथों में रखकर बड़ी श्रद्धा भाव से अपने घर लाया गया। ग्रामवासियों द्वारा घरों पर प्रसादी भोग लगाकर माता का पूजन किया गया। रात्रि में सभी गणगौर को माताजी मंदिर में पानी पिलाने के लिए एकत्रित किया जाता है । माताजी के ज्वारों का विसर्जन चल समारोह पूर्वक नदी तट पर किया जाता है। इस बार बुधवार एवं बाबूलाल रामाजी चौहान के यहां पर माताजी के रात्रि विश्राम के चलते 8 अप्रैल को समापन होगा।
उमड़ा आस्था का सैलाब गंधवानी .परसाई भगत पांडे के यहां माता जी की बाड़ी दर्शन के लिए खोली तो यहां पर माता जी के स्वरूप में झाड़ पहुंचे और उन्होंने माता जी की पूजा अर्चना की । सुबह से महिलाएं भी बड़ी संख्या में माता जी की बाड़ी में पहुंची जिन्होंने पूजा अर्चना कर माताजी से सुख शांति समृद्धि खुशहाली और तरक्की की कामना की।
साथ ही धनियर राजा और रनु बाई के रथ अंचल के लोग सिर पर रखकर नृत्य करते हुए गंधवानी पहुंचे जो कि माताजी के दर्शन कर वापस अपने घर की ओर लौट गए नगर में कल बड़ी संख्या में ग्रामीण लोग रथ लेकर पहुंचे थे जिनके दर्शन यहां के लोगों ने किए।
गंधवानी में गणगौर के पर्व पर आसपास से ट्रैक्टर ट्राली पर सुसज्जित 4 से 5 तखत लाए जाते हैं लेकिन बीते 2 वर्षों में कोरोना काल के दौरान यह परंपरा बंद थी। इस वर्ष भी ग्रामीण लोगों ने तखत बनाने में रुचि नहीं ली यहां पर तखत को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे हैं
गंधवानी में गणगौर के पर्व पर आसपास से ट्रैक्टर ट्राली पर सुसज्जित 4 से 5 तखत लाए जाते हैं लेकिन बीते 2 वर्षों में कोरोना काल के दौरान यह परंपरा बंद थी। इस वर्ष भी ग्रामीण लोगों ने तखत बनाने में रुचि नहीं ली यहां पर तखत को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे हैं

