नाम तो दे दिया सरनेम का टोटा, बाल कल्याण समिति ने दिया ‘भव्या’ नाम
एक महीना पहले सरकारी अस्पताल में छोड़ दी गई बच्ची को भेजा बाल गृह
नाम तो दे दिया सरनेम का टोटा, बाल कल्याण समिति ने दिया ‘भव्या’ नाम
धार.
सरदारपुर सरकारी अस्पताल में भर्ती होकर गलत नाम लिखवाया, गलत जगह का पता दिया और डिलवेरी होते ही बच्चे को छोड़ मां सहित परिजन फरार हो गए। एक महीना जिला अस्पताल के एसएनसीयू में स्वास्थ्य लाभ ले रही बच्ची को बुधवार इंदौर के संजीवनी बालगृह भेजा गया। बाल कल्याण समिति ने बच्ची का नाम ‘भव्या’ रखा, लेकिन माता-पिता का पता नहीं होने के कारण इसको सरनेम नहीं दे सके।
एसएनसीयू में सेवाएं दे रहे डॉ. राजेश जर्मा ने बताया कि बुधवार को डिस्चार्ज करते वक्त बच्ची स्वस्थ थी, जिसे बाल कल्याण समिति द्वारा चयनित इंदौर के संजीवनी बाल गृह भेजा गया है। बच्ची को इंदौर ले जाते वक्त स्टाफ नर्स साथ रही, जबकि बाल कल्याण समिति के सदस्य भी इंदौर तक साथ गए। बता दें कि 7 अक्टूबर की रात एक युवती अपना नाम सीमा पिता अनसिंह बताकर सरदारपुर सरकारी अस्पताल में डिलेवरी के लिए भर्ती हुई थी। उसके साथ तीन-चार महिलाएं व दो-तीन पुरूष भी थे। दर्द बढ़ता देख मौजूद डॉक्टर ने तत्काल युवती की डिलेवरी करवाई, जिस दौरान परिजन ने कागजी खाना पूर्ति की। डिलेवरी के बाद युवती व परिजन के भाग जाने से डॉक्टर ने पुलिस को सूचना की, जिसके आधार पर रिपोर्ट भी दर्ज हुई थी, लेकिन तलाशने के बावजूद दिए गए पते पर ना तो युवती व परिजन मिल और ना ही पता सही था। इससे पहले भी एक गांव के कुए में फेंका गया बच्चा, एसएनसीयू में स्वास्थ्य होकर इंदौर के एक बाल गृह में है।
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