मंगलवार को आयोजित होने वाली कलेक्ट्रेट की जनसुनवाई में कलेक्टर डा पंकज जैन सहित अन्य अधिकारी की मौजूदगी में जिले के दूर.दराज से आने वाले ग्रामीण जनों की समस्याएं सुनी जा रही थी और निराकरण के निर्देश दिए जा रहे थे इसी दौरान मनोज अमलियार भी अपनी 10 वर्षीय बेटी को लेकर जनसुनवाई में गुहार लगाने पहुंचा था।
आयुष्मान कार्ड होने के बाद भी भटक रहा था मनोज पीडि़त मनोज ने बताया कि उसका और उसकी बेटी का आयुष्मान कार्ड होने के बाद भी उपचार के लिए भटक रहे थे गुजरात राज्य के बड़े अस्पताल में भी उपचार के लिए गए थे लेकिन कार्ड होने के बाद भी उन्हें कोई भी सहायता नहीं मिली जांच और दवाइयों के रुपए लिए गए । जिसके कारण वह अपना और बेटी का उपचार नहीं करा पाए और वापस गांव लौट आए थे मंगलवार को धार जाकर कलेक्टर ने जनसुनवाई में सहानुभूति पूर्वक हमारी बीमारी के संबंध में जानकारी ली और तत्काल उपचार और हर संभव मदद की बात कही।
पिता के साथ बेटी भी हुई उसी बीमारी से पीडि़त अजीब बीमारी से पीडि़त मनोज अमलियार को तीन साल पहले एक पैर में सुजन और पस निकलने की अजीब बीमारी हो गई थी जिसका उसने कई जगह उपचार भी कराया लेकिन गरीबी और आर्थिक तंगी के कारण वह बीमारी का उपचार नहीं करा पाया जिसके कारण उसे चलने फिरने में भी तकलीफ होने लगी और एक पैर उसका सूख कर पतला हो गया जिसके कारण वह मजदूरी भी नहीं करने के कारण अपने परिवार का पालन पोषण भी नहीं कर पा रहा था। कुछ माह पहले उसकी 10 वर्षीय बेटी वर्षा को भी यही बीमारी हो गई और उसका भी पैर में सूजन , घाव और पस निकलना शुरू हो गया।
पत्नी की मजदूरी से जलता है मनोज के घर का चूल्हा.
मनोज अमलियार इस गंभीर बीमारी से पीड़ित होने के बाद उसका कोई भी सहारा नहीं है । पत्नी सोना बाई की मजदूरी करके रुपए लाने से ही उसके परिवार का गुजर.बसर होता है मनोज के पांच छोटे बच्चे हैं। पत्रिका में इस संबंध में 25 जनवरी को खबर प्रकाशित होने के बाद उसे सरदारपुर एसडीएम बीएस कलेश द्वारा खाद्यान्न और सामाजिक संगठनों द्वारा आर्थिक सहायता मुहैया कराई गई थी।
पत्नी की मजदूरी से जलता है मनोज के घर का चूल्हा.
मनोज अमलियार इस गंभीर बीमारी से पीड़ित होने के बाद उसका कोई भी सहारा नहीं है । पत्नी सोना बाई की मजदूरी करके रुपए लाने से ही उसके परिवार का गुजर.बसर होता है मनोज के पांच छोटे बच्चे हैं। पत्रिका में इस संबंध में 25 जनवरी को खबर प्रकाशित होने के बाद उसे सरदारपुर एसडीएम बीएस कलेश द्वारा खाद्यान्न और सामाजिक संगठनों द्वारा आर्थिक सहायता मुहैया कराई गई थी।