पीएचई विभाग की योजनाएं कागजों पर : अनारद गांव में 20 हैंडपम्प में से मात्र दो से तीन हैंडपंप चालू है।वहीं गांव की नल जल योजना पूरी तरह ठप है गांव की महिलाओं एवं बच्चों द्वारा सुबह से ही पानी की तलाश में लग जाते है।
पीएचई विभाग की ग्रामीण अंचलों की पेयजल व्यवस्था कागजों पर ही दौड़ रही है जबकि मैदानी हकीकत कुछ और है कहीं गांव की नल-जल योजना पूरी तरह से बंद पड़ी है तो कहीं गांवों को नल जल योजना का लाभ मिलना था, लेकिन वह नहीं मिल पाया इसके चलते आसपास के एक से अधिक दर्जनों के लोग गंभीर पेयजल से जूझ रहे इतनी गंभीर होने के बाद भी पीएचई विभाग ध्यान नहीं दे रहा है।
पीएचई विभाग की ग्रामीण अंचलों की पेयजल व्यवस्था कागजों पर ही दौड़ रही है जबकि मैदानी हकीकत कुछ और है कहीं गांव की नल-जल योजना पूरी तरह से बंद पड़ी है तो कहीं गांवों को नल जल योजना का लाभ मिलना था, लेकिन वह नहीं मिल पाया इसके चलते आसपास के एक से अधिक दर्जनों के लोग गंभीर पेयजल से जूझ रहे इतनी गंभीर होने के बाद भी पीएचई विभाग ध्यान नहीं दे रहा है।
must read :MP के इस शहर को छू कर निकल गया ‘वायु’ चक्रवात, अलर्ट पर था प्रशासन पानी की टंकी सूखी नल जल योजना कागजों पर : गांव की पानी की टंकी पूरी सूख चुकी है और नल जल योजना बस कागजों पर ही नजर आ रही है।गांव में लाखों खर्च कर पानी की समस्या खत्म करने के लिए मुख्यमंत्री नल जल योजना चलाई लेकिन योजना जमीनी हकीकत कुछ और है पानी की टंकी है तो पंचायत में बनी है लेकिन उन्हें पानी नहीं है इस योजना में पहले ही पानी की तरह पैसा बहाया गया लेकिन नल जल योजना में पानी नहीं है प्रशासन उदासीनता के चलते गांव के लोगों को जलसंकट भोगना पड़ रहा है।
योजना संचालन समिति कागजों में गठित शासन ने नल जल योजना में लोगों की भागीदारी बढ़ाने के लिए गांव स्तर पर समिति संगठित करने के आदेश जारी किए थे ताकि गांव में योजना का संचालन ग्रामीणों के हाथों में होने से जल संकट की स्थिति से निपटा जा सके परंतु पीएचई विभाग जवाबदार लोगों की लापरवाही के चलते समिति से कागजों में संगठित की गई। धरातल पर समिति का पता ही नहीं है।
&पानी की जुगाड़ में पूरा दिन हो जाता है। सुबह पांच बजे से उठना पड़ रहा है। कई बार पानी के कारण मजदूरी भी करने नहीं जा पाते हंै।
&पानी की जुगाड़ में पूरा दिन हो जाता है। सुबह पांच बजे से उठना पड़ रहा है। कई बार पानी के कारण मजदूरी भी करने नहीं जा पाते हंै।
सौरम बाई ग्रामीण -नलजल योजना का पानी आए हुए कई दिन हो गए, लेकिन नलों से पानी नहीं आ रहा है। हम तो पानी खेतों से लाकर पूर्ति कर रहे है।
नारायणगिरी गोस्वामी ग्रामीण
नारायणगिरी गोस्वामी ग्रामीण
-गांव में पानी की समस्या है। हम गांव में टयूबवेल करा देंगे।
राजीव खुराना, कार्यपालन यंत्री पीएचई धार पानी को लेकर गांव में हाहाकार, सरपंच के खिलाफ हुए ग्रामीण
दौत्रिया ञ्च पत्रिका. ग्राम पंचायत बखतपुरा में पानी के टैंकर को लेकर ग्रामीणों ने सरपंच और सरपंच पुत्र पर कार्रवाई की मांग की है। पुर्व विधायक भंवरसिंह शेखावत द्वारा ग्राम पंचायत बखतपुरा को पानी का टैंकर प्रदान किया था। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में पानी का संकट गहराया गया पानी लाने के लिए टैंकर के लिए सरपंच के पास गए, लेकिन उनका जवाब गले नहीं उतरा। इस कारण सभी ग्रामीणों ने मिलकर बदनावर एसडीएम को शिकायत की है। वहीं दूसरी ओर सरपंच सचिव ने बताया कि पानी का टैंकर ग्राम पंचायत में लिलीखेड़ी में शासकीय कार्य में सरपंच सांवरिया चौधरी को दिया था। सरपंच और राज मिस्त्री कार्रवाई के लिए बदनावर थाने समेत एसडीएम कार्यालय पर ग्राम पंचायत बखतपुरा की ओर से आवेदन दिया है।
राजीव खुराना, कार्यपालन यंत्री पीएचई धार पानी को लेकर गांव में हाहाकार, सरपंच के खिलाफ हुए ग्रामीण
दौत्रिया ञ्च पत्रिका. ग्राम पंचायत बखतपुरा में पानी के टैंकर को लेकर ग्रामीणों ने सरपंच और सरपंच पुत्र पर कार्रवाई की मांग की है। पुर्व विधायक भंवरसिंह शेखावत द्वारा ग्राम पंचायत बखतपुरा को पानी का टैंकर प्रदान किया था। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में पानी का संकट गहराया गया पानी लाने के लिए टैंकर के लिए सरपंच के पास गए, लेकिन उनका जवाब गले नहीं उतरा। इस कारण सभी ग्रामीणों ने मिलकर बदनावर एसडीएम को शिकायत की है। वहीं दूसरी ओर सरपंच सचिव ने बताया कि पानी का टैंकर ग्राम पंचायत में लिलीखेड़ी में शासकीय कार्य में सरपंच सांवरिया चौधरी को दिया था। सरपंच और राज मिस्त्री कार्रवाई के लिए बदनावर थाने समेत एसडीएम कार्यालय पर ग्राम पंचायत बखतपुरा की ओर से आवेदन दिया है।