पूछताछ में बात यह भी सामने आई कि धार व अन्य जिलों में भी इनके परिचित मजदूरी के दौरान रेकी करते थे और घर की भौगोलिक स्थिति का पता भी लगाते थे। फिर गैंग को सूचना देते थे। सूचना मिलते ही सदस्य इन्हीं परिजन के घर सुबह से आ जाते व रात को डकैती करते थे। वारदात के बाद गैंग निकल जाता था व मामला शांत पर डकैती की राशि-जेवरात आपस में बांटते थे। एक हिस्सा सूचना देने वाले अपने परिचित को भी देते थे।
पूछताछ में पता चला कि इनके पास एक पिकअप वाहन भी थी। घटना के समय इसका इस्तेमाल करते थे। खंडवा में इस वाहन को पुलिस ने जब्त कर लिया था। इस दौरान कुछ सदस्य खंडवा पुलिस ने भी पकड़े थे। बाद छूट गए। इसके बाद एक बोलेरो चोरी किया। इस बोलेरो में मप्र शासन का स्टीकर लगा था। बताया जा रहा था कि यह वाहन पहले जिला प्रशासन में अटैच था। इसके साथ ही इसका अनुबंध भी समाप्त हो गया था। इसके बावजूद वाहन पर स्टीकर नहीं निकला था।