जिले का सबसे बड़ा भगोरिया डही में लगता है। सीएमएचओ भगोरिया मेले में पहुंचे, आदिवासियों के साथ मांदल भी बजाई और उनसे मिलकर डॉक्टरों के व्यवहार व अस्पताल से मिलने वाले लाभ की जानकारी भी ली। स्वास्थ्य सुविधाओं में आम आदमी के लिए कई प्रकार की योजनाएं प्रचलित हैं, जिनका लाभ लेकर गरीब मरीज भी स्वस्थ होकर खुशहाल जीवन जी रहा है। हालांकि लोकसभा चुनाव को लेकर लगी आदर्श आचार संहिता के कारण कुछ योजनाओंं पर पाबंदी लग चुकी है, लेकिन गंभीर बीमारियों के लिए सभी योजनाओं का लाभ आचार संहिता से बाहर है।
डॉक्टरों का जमा रहे गणित
डॉक्टरों का जमा रहे गणित
जिलेभर में धार जिला अस्पताल के अलावा कुक्षी में भी सिविल अस्पताल है। इसके अलावा जिलेभर के मरीजों को उनके ही क्षेत्र में उपचार के लिए १५ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, ४७ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्थापित हैं, लेकिन कैसूर, राजगढ़, धरमराय, खलघाट जैसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर डॉक्टर उपलब्ध नहीं है। इसको लेकर भी सीएमएचओ नए इंतजाम में लगे हैं। जिले में डॉक्टर तो स्वीकृति से काफी कम हैं, लेकिन सीएमएचओ डॉ. सरल डॉक्टरों का हिसाबकिताब मिलाकर जहां नहीं है, वहां का गणित जमाने में लगे हैं। जिले मेंडॉक्टरों के प्रथम श्रेणी के ७९ पद स्वीकृत हैं, लेकिन मौजूद केवल १७ ही हैं। ऐसे ही द्वितीय श्रेणी के १०१ स्वीकृत में से ८१ पदस्थ हैं। जबकि हाल ही में संविदा पर मिले १६ डॉक्टरों से जिले की स्वास्थ्य सेवाओं को थोड़ी राहत मिली है।
अभी कुछ ही दिन हुए मुझे यहां का चार्ज लिए, लेकिन अपने स्तर पर स्वास्थ्य सेवाएं सुधारने का पूरा प्रयास कर रहा हूं। आदिवासी जिला है और भगोरिया यहां का बड़ा पर्व है। इस समय उनके साथ कुछ वक्त रहना भी जरूरी है और उनसे परेशानियां पूछकर दूर करने का प्रयास है।
अभी कुछ ही दिन हुए मुझे यहां का चार्ज लिए, लेकिन अपने स्तर पर स्वास्थ्य सेवाएं सुधारने का पूरा प्रयास कर रहा हूं। आदिवासी जिला है और भगोरिया यहां का बड़ा पर्व है। इस समय उनके साथ कुछ वक्त रहना भी जरूरी है और उनसे परेशानियां पूछकर दूर करने का प्रयास है।
-डॉ. एसके सरल, सीएमएचओ धार
फोटो १८०१-मांदल पर भगोरिया की मस्ती में सीएमएचओ। फोटो १८०२-यूं भी किया नजदीक जाकर परेशानी पूछने का प्रयास।
फोटो १८०१-मांदल पर भगोरिया की मस्ती में सीएमएचओ। फोटो १८०२-यूं भी किया नजदीक जाकर परेशानी पूछने का प्रयास।