scriptधार में बरसा ग्वालियर घराना का गायन तो रायगढ़ कथक घराने के नृत्य किया मुग्ध | Varsha singing of the Gwalior Gharana in Dhar, Raigad performed Kathak | Patrika News

धार में बरसा ग्वालियर घराना का गायन तो रायगढ़ कथक घराने के नृत्य किया मुग्ध

locationधारPublished: Jun 23, 2019 04:47:14 pm

Submitted by:

sarvagya purohit

धार में बरसा ग्वालियर घराना का गायन तो रायगढ़ कथक घराने के नृत्य किया मुग्ध

धार में बरसा ग्वालियर घराना का गायन तो रायगढ़ कथक घराने के नृत्य किया मुग्ध

धार में बरसा ग्वालियर घराना का गायन तो रायगढ़ कथक घराने के नृत्य किया मुग्ध

धार. एक तरफ लयकारियों के ताने तो दूसरी तरफ कथक नृत्य के माध्यम से देवी प्रस्तुति, दर्शकों द्वारा हर एक प्रस्तुति पर ताली बजाकर कलाकारों का उत्साहवर्धन करना। यह सबकुछ देखने को मिला शासकीय पीजी कॉलेज परिसर में बने ऑडिटोरियम में।
शुक्रवार को मध्यप्रदेश संस्कृति संचालनालय भोपाल के निर्देशन में व जिला प्रशासन के सहयोग से आनंद संगीत महाविद्यालय धार विश्व योग एवं संगीत दिवस मनाया गया। इस दौरान शास्त्रीय गायन व नृत्य का अद्भूत संगम देखने को मिला। यहां पर जिस तादाद में दर्शक उम्मीद लगाकर आए थे वैसी ही प्रस्तुति कार्यक्रम में कलाकारों द्वारा दी गई। एक ओर शास्त्रीय गायन तो दूसरी ओर नृत्य की प्रस्तुति।
कार्यक्रम में शास्त्रीय गायन की पहली प्रस्तुति रसिका गावड़े इंदौर (ग्वालियर घराना) द्वारा दी गई। उन्होंने अपने राग माहु बिहाग में बड़ा ख्याल सुनाया, जिसमें लयकारियों की ताने प्रस्तुत की। साथी ही जागु में सारी रेना बलना,मतवारो बादल छायो, हरि का संदेशा, बहु नहीं लायो व मराठी भजन प्रस्तुत किए। आपके साथ हारमोनियम पर डॉ. रचना शर्मा व तबले पर अनुप पंवार थे। अतिथियों का महाविद्यालय के प्राचार्य ने शाल श्रीफल देकर स्वागत किया।
कार्यक्रम में दूसरी प्रस्तुति रायगढ कथक घराना की नृत्यागंना मथूरा पंडित खटावकर व उनके साथियों द्वारा दी गई। कलाकारों ने कथक नृत्य के प्रारंभ में दुर्गास्तुति प्रस्तुत दी। प्रस्तुति पर ऐसा लग रहा था जैसे मंच पर ही कलाकारों ने देवीय रूप धारण कर लिया हो प्रस्तुति के दौरान संगीत लोत अत्यंत त्रिवाद में ततकार तोड़े लयकारिया भी प्रस्तुत की। ठुमटी, गजरी, घोरी, गोपी, कृष्णभाव अनेक प्रस्तुतियों ने श्रोताओं को भावविभोर कर दिया।
रायगढ नृत्य घराने की मयूरा पंडित खटाववर ने रायगढ शैली के राजा चक्रधरजी की लिखी बंदिशे पं. रामलाल बरेखजी रचनाएं तिहाई तोड़े इत्यादि प्रस्तुत किए। मुख्य अतिथि जिला पंचायत सीईओ संतोष वर्मा थे और विशिष्ठ अतिथि महेश वाडोले, शिक्षा अधिकारी जयंत जोशी थे। अतिथियों का स्वागत संगीत महाविद्यालय की प्राचार्य कांति तिर्की सहित महाविद्यालयीन स्टॉफ में पंडि़त देशराज वशिष्ठ, शशि चौधरी मोहन शर्मा ने पुष्पगुच्छ शाल श्रीफल देकर किया। मंच संचालन प्रिया शर्मा ने किया।

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