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खबर के बाद जागे सीएस जिला अस्पताल में कायाकल्प के लिए लगने लगी दौड़

locationधारPublished: Oct 20, 2019 11:40:37 am

Submitted by:

atul porwal

टीम बनी, बैठक हुई और काम की सूची तैयार, पहले सर्वेक्षण से पूर्व होने वाले काम के लिए बनी रणनीति

खबर के बाद जागे सीएस जिला अस्पताल में कायाकल्प के लिए लगने लगी दौड़

खबर के बाद जागे सीएस जिला अस्पताल में कायाकल्प के लिए लगने लगी दौड़

धार.
प्रदेश भर के जिला अस्पतालों में अपना स्थान तय करने के लिए कायाकल्प योजना में अच्छे नंबर लाना जरूरी है। हालांकि अभी तारीख तय नहीं है, लेकिन नवंबर माह के दूसरे सप्ताह में कायाकल्प का पहला सर्वेक्षण होना संभावित है। अब तक इसके लिए कोई तैयारी नहीं थी, लेकिन जब पत्रिका ने इस मामले में हो रही लेतलाली का समाचार प्रकाशित किया तो सिविल सर्जन (सीएस) के नेतृत्व में टीम दौड़ लगाने लगी। शुक्रवार को आरएमओ डॉ. संजय जोशी ने टीम बनाकर बैठक ली और जरूरी काम की सूची तैयार कर अधिनस्तों को काम के निर्देश दिए।
गौरतलब है कि पिछले वर्ष कायाकल्प के सर्वेक्षण में भले ही जिला अस्पताल का अच्छा प्रयास नहीं रहा, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने फास्ट इंप्रूविंग अवार्ड से नवाज कर आगे के लिए प्रोत्साहित किया। बावजूद इसके अब तक इस वर्ष होने वाले कायाकल्प सर्वेक्षण के लिए कोई तैयार शुरू नहीं हो सकी। जब पत्रिका ने इस बारे में जानकारी ली तो सिविल सर्जन डॉ. एमके बौरासी का एक ही जवाब था कि लंबे समय तक चली बारिश के कारण अस्पताल उद्धार के काम पेंडिंग रहे। हालांकि अब तक रंगरोगन के लिए कोई खाका तैयार नहीं हो सका, लेकिन अस्पताल प्रबंधन को उम्मीद है कि या तो कलेक्टर किसी निजी कंपनी से सीएसआर मद पर इसका काम करवा देंगे या पीडब्ल्यूडी रंगरोगन क लिए मेदान पकड़ लेंगी। शनिवार को जब पत्रिका ने रंगरोगन का अंतिम विकल्प पूछा तो सीएस डॉ. बौरासी का कहना था कि एक सप्ताह और इंतार करेंगे। यदि कुछ नहीं हुआ तो वे ही अस्पताल मेंटेनेंस की मद से रंगरोगन करवाएंगे।
इन मुद्दों पर हुई चर्चा
शुक्रवार को सीएस के निर्देशन में आरएमओ द्वारा ली गई बैठक में दो दिन में बंद पड़ी दोनों ओटी शुरू करने, अलग-अलग जगह लगे दवा वितरण केंद्र को एक ही स्थान पर करने, जंक मटेरियल रखने के लिए टीन शेड बनवाने, पीडब्ल्यूडी से रंगरोगन करवाने व तीन बकेट सिस्टम लागू करने जैसे मामलों पर चर्चा कर रणनिती तैयार की गई। इसके अलावा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की ड्यूटी को लेकर रोस्टर बनाने पर भी चर्चा हुई, जिससे अस्पताल की स्वच्छता का प्लान तैयार किया जा सके। बैठक में दिनेश कलाल, सावन बरैया, नम्रता टाकले, अश्विनी व रेणू सिस्टर मौजूद रहे।
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