उपेक्षा का शिकार प्रकृति का जोगीभडक़ वाटरफॉल
धारPublished: Jul 27, 2020 12:32:34 am
ग्राम पंचायत, प्रशासनिक पहल से बन सकता है शानदार पर्यटन स्थल
जान जोखिम में डाल वाटरफॉल के नजदीक सेल्फी लेता युवा ।
अंतिम कुमार सिटोले
गुजरी. धरमपुरी विधानसभा के गणपति व भेरूघाट के बीच ग्राम ढाल अंतर्गत विंध्याचल की पहाडिय़ों मे बसा प्रकृति का अनुपम उपहार है जोगीभडक़ वाटरफॉल । चट्टानों एवं बड़े पत्थरों के बीच से 300 मीटर ऊंचाई से गिरता झरना, हरियाली से आच्छादित क्षेत्र, मोरो की मीठी पुकार एवं शांत वातावरण यहां सुंदरता बढ़ाता है । प्रशासनिक उपेक्षा के चलते यह स्थल तमाम खूबियों के बावजूद वह स्थान हासिल नहीं कर पा रहा जिसका यह हकदार है ।
जोगीभडक गुमनामी के अंधेरे में खोया हुआ था । जिसे पत्रिका ने पडताल कर खोजा वहीं प्रमुखता से कई खबरें प्रकाशित कर पर्यटकों का ध्यान इस ओर आकर्षित कराया था । अब सरपंच, विधायक, शासन.प्रशासन थोड़ा ध्यान देकर यहां सुविधाएं विकसित करे तो यह जिले का शानदार पर्यटन स्थल बन सकता है ।
परेशानी पर्यटकों की जुबानी
धामनोद से आए सतीश कोचले ने बताया कि प्रतिवर्ष बरसात में यहां आते है । यहां आने में डर भी लगता है । परंतु प्रकृति की सुंदरता खींच ही लाती है । जान जोखिम में डालकर कई युवाओं को सेल्फी लेते देखा जा सकता है । खलघाट से आए राहुल वसुनिया, पंकज पाटीदार, यशवंत चौहान, अजीत सोलंकी, शुभम बदनावरे, कपिल मात्रे ने बताया कि यहां पक्की सडक, प्रतीक्षालय, रैलिंग, पीने की पानी की व्यवस्था होना चाहिए।
नहीं है अच्छी सडक़ : जोगीभडक जाने वाले मार्ग की हालत दयनीय है। मार्ग पक्का न होने की वजह से यहां से आवागमन मुश्किल है। जोगीभडक़ से नेशनल हाइवे के बीच सडक़ कच्ची है बरसात होने पर कीचड़ से पट जाती है। यहां सरपंच रामकुंवर बाई है । ग्राम पंचायत की बागडोर पति सुखराम मकवाना ने संभाल रखी ।
दूर.दूर से आते है पर्यटक : ग्रामीणों का कहना है कि मार्ग निर्माण की मांग शासन से वर्षों से की जा रही है जोगीभडक वाटरफॉल को देखने दूर-दूर से पर्यटक आते हैं। यदि आवागमन के लिए शासन बेहतर सडक़ का निर्माण कराए तो यह स्थल क्षेत्र की पहचान बन सकता है। शासन की उपेक्षा से जोगीभडक़ का विकास नहीं हो पा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन को जल्द मार्ग बनवाना चाहिए।